उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनीता से हुई।सुनीता कहते है कि महिलाओं को अधिकार मिलने से उनका मनोबल बढ़ेगा। महिलाओं को हर कार्य में आगे लाना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पंकज से हुई।पंकज कहते है कि महिलाऐं लोगों के सामने अपनी बात रखे उन्हें समझाए। उद्यमिता से जुड़े जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाए। महिलाऐं इससे शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ज़ुबैर से हुई।ज़ुबैर कहते है कि महिलाओं को सबसे पहले शिक्षा प्रदान करना चाहिए जिससे वो हर बात को समझ पाए। समाज में जो कार्य होते है उसमे भागीदारी निभा कर नेतृत्व कर सके।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अहमद रज़ा से हुई। अहमद रज़ा कहते है कि ये बेटा और बेटी को बराबर मानते है। बेटी को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए लेकिन तब जब उनकी शादी नहीं हुई है। शादी के बाद बेटी का अधिकार पति के घर में होता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कौशर अली से हुई। कौशर अली कहते है कि ये बेटा और बेटी को बराबर मानते है। बेटी को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए लेकिन तब जब उनकी शादी नहीं हुई है। शादी के बाद बेटी का अधिकार पति के घर में होता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद अज़ीज से हुई। मोहम्मद अज़ीज कहते है कि ये बेटा और बेटी को एक सामान मानते है। जब तक बेटी की शादी नहीं होती है तो पैतृक संपत्ति में उनका हक़ है पर शादी के बाद बेटी का अधिकार उनके पति की संपत्ति में होता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन कुमार से हुई। पवन कहते है कि इनके नज़र में बेटा और बेटी एक सामान है। कानून अगर महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकारी मानता है तो पवन भी यह मानते है कि जमीन में महिला को अधिकार मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से खुशवहा जी से हुई। खुशवहा जी कहते है कि बेटी को पैतृक संपत्ति में हिस्सा तो मिलना ही चाहिए पर आगे चल कर घर में बेटी के साथ बुरा बर्ताव न करे। जमीन में बेटी का हक़ है ,इस पर कानून भी है पर परंपरा यह नहीं है। परिवार वालों को जमीन में बेटी का जितना हिस्सा बनता है ,उतना इस्तेमाल कर के उनकी शादी अच्छे से कर देनी चाहिए ताकि वो भविष्य में सुखी रहे

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रमेश वर्मा से हुई। रमेश कहते है कि बहन को हिस्सा देने पर भाई ऐतराज़ करेगा पर बहन को हिस्सा मिलना चाहिए। अगर महिला के पास जमीन होगा तो उनपर होने वाली सताहट कम होगा। बेटा और बेटी एक सामान है तो बहन को बराबर का हिस्सा दे देना चाहिए। अगर महिला को हिस्सा नहीं होगा तो वो बेसहारा ही है। कानून तो बना है लेकिन उसपर लगने वाला शर्ते हटा देनी चाहिए।हर घर में बेटी को हिस्सा देनी चाहिए। कानून को ऐसा होना चाहिए की बेटी को जमीन में हिस्सा मिलना ही है तभी हर एक बेटी को अधिकार मिल पाएगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद आरिफ , मोबाइल वाणी के माध्यम से विकास से बातचीत कर रहे है। विकास कहते है कि महिला अगर शिक्षित होगी और जानकार होगी तो वो अपनी गरीबी दूर करने ,आर्थिक स्थिति सुधारने में कोई भी रोजगार कर सकती है। इससे उनका सम्मान समाज में बढ़ेगा