उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से श्रीदेवी सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनका परिवार महिलाओं के मामले में जो दूसरे परिवारों से अलग हैं, यह कहा गया है कि सत्तर प्रणालियों और उनके अनुयायियों के पास सभी महिलाओं के साथ जुड़ने के लिए आवश्यक दृष्टिकोण उपकरण हैं। और संवेदनशीलता की भी कमी है, इसलिए यहाँ पुरुषों और महिलाओं के बीच वास्तविक समानता का विचार विकसित किया गया है। महिलाओं को भी जमीन में पुरुष के बराबर हकदार होना चाहिए।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से काजल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार से वंचित रखना आधी आबादी की अवमानना है। एक माँ, बहन और पत्नी या महिला किसान के रूप में वो भी दो एकड़ भूमि और मुट्ठी भर संपत्ति के हकदार हैं। भारत में भूमि और संपत्ति पर महिलाओं के अधिकार काफी उलझे हुए हैं। जिसे चुनौती दी जानी चाहिए। हमारे देश में आज भी आधी महिला आबादी अभी भी समान अवसर की तलाश में है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय से हुई। ये कहते है कि महिलाओं को जमीन का अधिकार मिलना चाहिए। जिस तरह से लड़कों को शिक्षा मिलती है उसी अनुसार महिलाओं को भी शिक्षित करना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि सरकार को जनजाति वर्ग की महिला का ध्यान रखना चाहिए। महिलाओं के लिए शिक्षा ,बिजली ,रोजगार आदि पर ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को वोट बैंक के तौर पर देखा जाता है। सरकार माहि उत्थान के वादे करते है पर निभाते नहीं है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि हमारे देश में जमीन संपत्ति पर जितना अधिकार पुरुषों का है उतना ही अधिकार महिलाओं को दिया गया है। पुरुषों को जो अधिकार दिया गया है तो महिलाओं को ही सामान अधिकार दिया जाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से नीलू पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम राजीव की डायरी में बता गया है कि महिलाओं को भी पुरुष के सामान अधिकार मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुईर जिला से नीलू पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को उनका हक़ नहीं मिल रहा है। और महिलाओं को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से काजल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि देश में अस्सी प्रतिशत महिलाएँ कृषि क्षेत्र में काम करती हैं, लेकिन उनमें से केवल तेरह प्रतिशत के पास ही कृषि भूमि है।भूमि स्वामित्व, महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। क्योंकि यह भोजन, आश्रय और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंचने लायक बनाता है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। इनमें आपराधिक कानूनों और 'घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा,शिक्षा में प्रोत्साहन,अविवाहित लड़की की सहमति के बिना महिलाओं के शादी करने पर प्रतिबंध ,तलाक को कानूनी दर्जा दिया गया।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से पूजा यादव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि पहले लड़कियों की शादी कम उम्र में करा दी जाती है ,इसमें लड़की कुछ कह भी नहीं पाती थी लेकिन अब लड़की अपने से अपने जीवन का निर्णय ले रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि जिस तरह से पुरुषों का अपनी जमीन पर अधिकार है, महिलाओं को उतने ही अधिकार हैं। अपने हर कर्तव्य के साथ, चाहे वह मजदूर के रूप में हो या कर्मचारी के रूप में या उद्यमी के रूप में या मालिक के रूप में, यह भी देखना आवश्यक है कि खेतों में काम करने वाला कौन है। कई मामलों में हमारे भारत जैसे देशों में, यह अक्सर देखा गया है कि गरीब और वंचित महिलाएं , पोषण और आर्थिक कठिनाई के लिए परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए खेतों में काम करती है।