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उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनको "राजीव की डायरी" कड़ी संख्या 20 बहुत अच्छा लगा। घरेलू हिंसा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अगर हमारा समाज सुधर जाए तो आत्महत्या जैसी वारदातें थम जाएंगी। समाज में पहले की अपेक्षा सुधार तो आया है। मगर आत्महत्या के मामले नही थमे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि "राजीव की डायरी" कार्यक्रम के कड़ी संख्या -20 लोगों को बहुत पसंद आया। महिलाएं घर को स्वर्ग बनाती हैं। वो घर की देवी, लक्ष्मी और शान होती हैं। फिर भी उन पर अत्याचार किया जाता है। महिलाओं को हमेशा दंडित किया जाता है। मजबूर हो कर महिलाएं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि की NCRB के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 23,178 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी। यानी देशभर में हर दिन 63 और लगभग हर 22 से 25 मिनट में एक आत्महत्या हुई है। जबकि साल 2020 में ये आंकड़ा 22,372 था। जितनी तेज़ी से संसद का निर्माण करवाया, सांसद और विधायक अपनी पेंशन बढ़ा लेते है , क्यों नहीं उतनी ही तेज़ी से घरेलु हिंसा के खिलाफ सरकार कानून बना पाती है। खैर, हालत हमें ही बदलना होगा और हमें ही इसके लिए आवाज़ उठानी ही होगी तो आप हमें बताइए कि *---- आख़िर क्या वजहें हैं जिनके कारण हज़ारों गृहणियां हर साल अपनी जान ले लेती हैं? *---- घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? *---- और क्या आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा को होते हुए देखा है ?