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उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से काजल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पर्यावरण की रक्षा करना केवल एक जिम्मेदारी नहीं है, यह एक मौलिक कर्तव्य है जो हमें अपने प्रकृति, स्वयं और आने वाली पीढ़ियों के प्रति देना है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि समाज की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोग प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे है। नियमित वातावरण पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है जिसमें ग्लोबल वार्मिंग है। जैव विविधता का भारी नुकसान हो रहा है। मानवीय गतिविधि ही पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है। प्रदूषण और वनों की कटाई से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से काजल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पर्यावरण हमें अनगिनत लाभ देता है। जिनका भुगतान हम जीवन भर नही कर सकते। क्योंकि वे जंगल पेड़,जानवर,पानी,हवा से जुड़े हुए हैं। जंगल और पेड़ हवा को फ़िल्टर करते हैं और हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं। पौधे पानी को शुद्ध करते हैं। बाढ़ की संभावना को कम करते हैं। प्राकृतिक संतुलन बनाए रखते हैं और हमें बहुत कुछ देते हैं।हमारे लिए पर्यावरण संरक्षण करना बहुत जरुरी है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से अंकिता मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बातना चाहती है कि गंगा नदी के पानी के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करने के बारे में कानपुर इलाहाबाद वाराणसी और पटना के बीच छोटे पैमाने के उद्योग अवशेषों और मृत जीवों को फेंकने से इतने प्रदूषित हो गए हैं कि स्वास्थ्य किसी भी समय गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा कर सकता है। केवल कानपुर जिसे उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है, जिसे मैनचेस्टर मैनचेस्टर कहा जाता है, इंग्लैंड का एक औद्योगिक शहर है। चमड़े के कपड़े के राक्षसों का कहना है कि चमड़े के कपड़े, ऊन, रसायनों, उर्वरकों और दवा उद्योग के अवशेषों के कारण गंगा का पानी लगभग काला हो गया।

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उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि पर्यावरण नष्ट होता चला जा रहा है। जनसँख्या वृद्धि से पर्यावरण संसाधन का दोहन हो रहा है। चाहे प्रदुषण हो ,जल की कमी ,भू- जल स्तर का घटना हो। मनुष्य ही हैं जो स्वयं पर्यावरण से प्रभावित होते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से अंकिता मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है कि भारत सरकार प्रदूषण की समस्या से अवगत है। इसने उन्नीस सौ 74वीं शताब्दी में जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम लागू किया जिसके तहत एक केंद्रीय बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया है। इस प्रकार, नए उद्योगों को लाइसेंस देने और वनों की कटाई को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। पेड़ों के रोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा यदि जनता भी चिंतित है तो प्रदूषणकारी उद्योगों को महानगरों से बाहर स्थानांतरित करने के लिए अदालत के आदेश इन कार्यालयों को सक्रिय समर्थन दें