महिलाओं के मामले में, भूमि अधिकारों की दृष्टि से कई चुनौतियाँ होती हैं। भारतीय समाज में, महिलाएं अक्सर अपने परिवार और समुदाय के साथ रहती हैं और उन्हें भूमि अधिकारों की पहुँच से दूर रखा जाता है। सामाजिक प्रतिष्ठा, संस्कृति और कानूनी प्रवृत्तियाँ ऐसे होती हैं जो महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर सकती हैं। इसके अलावा, ऐसे कई सामाजिक तौर तरीके और मान्यताएँ हैं जो महिलाओं को भूमि के मामलों में उनके अधिकारों की प्राप्ति में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों क्यों ज़रूरी है और उसका क्या महत्व हैं? *----- महिलाओं को भूमि अधिकारों तक पहुंचने में कौन सी बाधाएं आती हैं? *----- महिलाओं के सशक्त होने के लिए समाज का उनके साथ खड़ा होना ज़रूरी है लेकिन ऐसा किस तरह हो सकता है? *----- आपके हिसाब से महिलाओं के सशक्त होने से समाज में किस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं?

भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने

मूलनिवासी संघ द्वारा मूलनिवासी दिवस समारोह आयोजित किया गया। जिसमे सभी गण्यमान लोग उपस्थित हुए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर लोगों ने अधिकारों के प्रति आवाज उठाई। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी के 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बिहार के कलाकारों ने देश का धरोहर "कला और संस्कृति" को देश और प्रदेश के दर्शकों दिखाकर इसका का गौरव बढ़ाया हैं। इसे देखकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री जीतन राम मांझी प्रफुल्लित हुए।

पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी का 15वां पुण्यतिथि का आयोजन बोधगया के भव्य महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में किया गया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के मांझी समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लीं। इस पुण्यतिथि कार्यक्रम में महिलाओं की सहभागिता भी रहीं। महिला प्रतिनिधि ने बिहार के माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी, बिहार सरकार के कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन एवं देश और प्रदेश के गणमान्य लोगों के समक्ष मंच से शौर्य एवं वीर के प्रतीक पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की बोल को बुलंद की।

गया से शिव परशाद मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं की, बौद्ध गया चैत्र के हथ्यार ग्राम में मूल निवासी संघ से जुड़े लोगों का कहना है की मगध मोबाइल वाणी वंचित और दलितों को सामजिक खबर लेने का काफी अच्छा स्रोत है तथा उन्होंने ने कहा की वो लोग अपने संघ में मगध मोबाइल वाणी की चर्चा करेंगे।