एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

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वर्ष 2022के बिदाई पर तर्कशील संस्था सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार पीकेएस गुर्वे ने कहां की मोबाइल वाणी पर संचालित अभियानों का सकारात्मक असर देखने को मिला है। साथ ही वर्ष 2022 में क्या खोया और क्या पाया विषय पर सारगर्भित बातें कही

गया के शहर में लगा जाम, पूर्व मुख्यमंत्री मांझी जाम में फंसे। सुरक्षाकर्मी ने काफी मशक्कत के बाद जाम से निकला।

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