भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?

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कोरोना ने हमें एक बहुत गंभीर सबक सिखाया और वो ये है कि हमें अपने  स्वास्थ्य के प्रति पूरी ईमानदारी रखनी होगी। कोरोना से बचने के लिए सरकार ने हर कदम पर सुरक्षा के नए इंतेज़ाम सुनिश्चित किये और हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए  टीकाकरण की व्यवस्था की और टीकाकरण का यह अभियान सफल भी रहा। पिछले साल 16 मार्च 2022 को सरकार ने 12  से 14 साल तक के बच्चों को भी कोरोना का टीका लगवाने का फैसला किया।

वर्ष 2022के बिदाई पर तर्कशील संस्था सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार पीकेएस गुर्वे ने कहां की मोबाइल वाणी पर संचालित अभियानों का सकारात्मक असर देखने को मिला है। साथ ही वर्ष 2022 में क्या खोया और क्या पाया विषय पर सारगर्भित बातें कही

बिहार राज्य के बोध गया से अनीता देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से किरण देवी से बात किया। बातचीत के दौरान किरण ने बताया की इन्होने कोरोना का एक टीका लगवा लिया है। दूसरा टीका लगवाने के समय इनकी तबियत खरब हो गयी थी। लेकिन अब ये टीका जरूर लगवा लेंगी

बिहार राज्य के बोध गया से अनीता देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बात किया। बातचीत के दौरान श्रोता ने बताया की इन्होने कोरोना का एक टीका लगवा लिया है। दूसरा टीका लगवाने के समय ये घर पर नहीं थे लेकिन समय आने पर ये टीका लगवा लेंगे

बिहार राज्य के गया ज़िला के बोधगया प्रखंड से अनीता देवी की बातचीत मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से हुई। इनका कहना है कि इन्होने कोरोना का टीका नहीं लिया है। इनकी तबियत बिगड़ी हुई थी ,इसीलिए कोरोना का टीका नहीं लिया। अब वो टीका लेना चाहते है

बिहार राज्य के गया ज़िला के बोधगया प्रखंड से अनीता देवी की बातचीत मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से हुई। इनका कहना है कि इन्होने कोरोना का टीका नहीं लिया है। इनकी तबियत बिगड़ी हुई थी ,इसीलिए कोरोना का टीका नहीं लिया। अब वो टीका लेना चाहते है।

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