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बिहार राज्य के गया जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील कुमार की बातचीत पार्वती देवी से हुई और पार्वती देवी ने मोबाइल वाणी पर बताया कि मांझी समाज आज राजनीति के क्षेत्र में बहुत ही पीछे है। इन्ही सब को लेकर आज मांझी समाज का बैठक किया जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।  

बिहार राज्य के गया ज़िला के डोभी प्रखंड से उपेंद्र कुमार मंडल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बजौरा पंचायत के मिस्त्री टांड़ के महादलित टोला में नाली नहीं होने के कारण सड़क पानी से भर गया है। इसे आने जाने में समस्या होती है। मुखिया ,वार्ड सदस्य इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे है जबकि टोला निवासियों ने समस्या का समाधान के लिए आवेदन भी दिया है। वहीं मिस्त्री टांड़ में चापानल नहीं है। इस कारण पानी को लेकर भी बहुत परेशानी होती है

बालासोर रेल हादसे में मारे गए करीब 50 लोगों की पहचान अब तक नहीं की जा सकी और उनके शव अब भी भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रखे हुए हैं। इस बीच, भुवनेश्वर नगरनिगम (बीएमसी) ने दो पीड़ितों के अवशेषों का यहां सत्य नगर श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार कर दिया है।एक अधिकारी ने बताया कि एम्स, भुवनेश्वर में हादसे में मारे गए 81 लोगों के शव रखे गए थे जिनमें से 29 शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिये की गई।खबर को पूरा सुनने के लिए ऑडियो लिंक पर क्लिक करें.

बिहार राज्य के गया ज़िला के फतेहपुर प्रखंड के जगरनाथपुर पंचायत के परवलडीह से सोनी देवी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नलकूप लॉक है। पानी नहीं मिल रहा है ,साथ ही सड़क भी कच्चा है। इससे समस्या होती है

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग करके ओमिक्रॉन से निपटने के लिए एमआरएनए-आधारित बूस्टर वैक्सीन विकसित की है। इसका विकास जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स द्वारा किया गया, इसे जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा के तहत सहायता दी गई है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दोस्तों, बहुत दुःख और भारी मन के साथ हम ये बता रहे है कि ग्रामवाणी की प्रखर सामुदायिक संवाददाता सहकर्मी, लखनऊ मोबाइल वाणी की कोऑर्डिनेटर, सामाजिक कार्यकर्ता और हम सब की अज़ीज़ माधुरी चौहान अब इस दुनिया में नहीं रहीं।

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भारत की एक बड़ी आबादी को इलाज पर होने वाला खर्च गरीब बना रहा है, खासकर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में ग्रामीण और शहरी परिवार कर्जदार बन रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज के लिए अस्पताल में होने वाली करीब 14 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में साढ़े आठ प्रतिशत भर्तियों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

बिहार राज्य के गया जिला उदयपुर प्रखंड से सरोज मांझी मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उनके परिवार में छह सदस्य हैं लेकिन कोटेदार उन्हें सिर्फ 20 किलो ही राशन देता है जबकि 20 किलो से ज्यादा राशन उन्हें मिलना चाहिए। इसकी शिकायत करने पर वह इतना ही मिलेगा कहता है।