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दशाश्वमेध घाट पर गंगा किनारे नमामि गंगे टीम ने श्रमदान करके मां गंगा के लिए लोगों को किया जागरूक दशाश्वमेध घाट पर गंगा किनारे श्रमदान करके मां गंगा के लिए लोगों कों जागरूकता करते हुए नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा और हमारी संस्कृति एक दूसरे पर आधारित रहे हैं । वस्तुत: गंगा भारत की पहचान है और यह जन-भावना ही एक लोकप्रिय गीत में समाहित है और परिलक्षित भी होती है : " हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है "। गंगा भारतीय संस्कृति की जीवनधारा है । गंगा अध्यात्म और आस्था की संवाहिका है । संत कबीर ने कहा था : " कबिरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीर " यानि गंगा जल को ही निर्मलता की सबसे बड़ी कसौटी माना जाता था। वस्तुत : हमारे जीवन मूल्यों में गंगा की पवित्रता का अर्थ है कि हम मन, वचन और कर्म से शुद्ध बने,

वाराणसी में टीबीमुक्त पंचायत मुहिम के तहत आज ब्लॉक के निजी स्कूल में जागरूकता अभियान चला। पीरामल फाउंडेशन के अरविंद गुप्ता ने कहा कि दो सप्ताह से टू ज्यादा खांसी, बुखार, छाती में दर्द, में वजन व भूख में कमी, बलगम के ची साथ खून आना आदि टीबी के दि लक्षण हैं। अगर किसी में ऐसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें

मौसम परिवर्तन हो रहा है। अब मौसम गर्मी का आ रहा है । ऐसे में हम पशुओ की बात कर रहे है। गर्मियों में भैस एवं गायों में बीमारियों के लक्षण को जानते हैं इनमे कौन-कौन सी बीमारी हो सकती है। गर्मियों मौसम गाय एवं भैसो में प्रमुख बीमारी मुंह पका, गला घोटू,लंगडी यह सब बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों में पशुओं में तेज बुखार हो जाता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। मुंह से लार टपकता है। गले में सूजन हो जाती है। इसका इलाज एंटीबायोटिक का कोर्स किया जाता है। और बुखार की दवा दी जाती है। इसमें नाखून में और मुंह में छाले पड़ जाते हैं। घाव हो जाता है, और इसमें भी मुंह से लार टपकता है। इसमें भी धवन पर दवा लगाई जाती है एंटीबायोटिक का कोर्स किया जाता है। जिससे समय से टिका लगवा लेना चाहिए टीका लगाने के बाद पशु में बीमारी आने की संभावना बहुत कम हो जाती है। यह कार्यक्रम पशु विभाग द्वारा चल रहा है। आप लोग संबंधित अस्पताल एवं ब्लॉक में पशु चिकित्सालय से टिका लगवा सकते है।और वहां से संपर्क करके सकते है। अगर आपको टीकाकरण कर लेंगे तो बीमारी आने की संभावना खत्म हो जाएगी जिससे आपके पशुओं की रक्षा हो सकेगी पर उनको कोई बीमारी नहीं होगी वह स्वस्थ रहेंगे

छावनी बोर्ड कचरा बैंक स्थापित करेगा उसमें जमा प्लास्टिक कचरे से कई उत्पाद तैयार किए जाएंगे। छावनी बोर्ड कार्यालय में ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक माह में कचरा बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। बिग्रेडियर ने कहा कि छावनी के लोगों को प्लास्टिक कचरा इस बैंक में जमा करने के लिए जागरूक करना चाहिए। छावनी में प्रतिदिन पांच से छह ट्न कचरा निकलता है। उसमें करीब डेढ़ कुंतल प्लास्टिक कचरा होता है। छावनी बोर्ड ने एक निजी कंपनी से समझौता किया है। यह कंपनी प्लास्टिक कचरे से इंटरलॉकिंग टाइल्स, कुर्सियां, टेबुल आदि फर्नीचर आदि उपयोगी उत्पाद तैयार करेगी। हाल ही में छावनीक्षेत्र में लगे ई-वेस्ट डिस्पोजल कैंप में 220 घरों से लगभग 2600 किलोग्राम इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट जमा हुआ। बैठक में सीईओ आकांक्षा तिवारी भी थीं।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने दिलाई मतदाता शपथ राष्ट्रीय स्वयंसेवकों द्वारा एक दिवसीय शिविर का आयोजन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के खेलकूद मैदान में किया गया। इसके तहत खेलकूद मैदान की साफ सफाई स्वयंसेवकों द्वारा की गई तत्पश्चात एक विचार ग़ोष्टि का आयोजन किया गया जिसमें एनएसएस समन्वयक डॉक्टर रविंद्र यू कुमार गौतम द्वारा एनएसएस वॉलिंटियरों को मतदान के महत्व के बारे में बताया गया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ अम्बुज कुमार मिश्र द्वारा स्वच्छता कार्यक्रम के तहत अपने आसपास साफ सफाई एवम हाइजीन के बारे में जानकारी दी । इसके बाद एनएसएस इकाई द्वारा मतदाता जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। यह रैली खेल कूद मैदान से होते हुए पंत प्रशासनिक भवन तक आयोजित की गई

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ागांव के अंतर्गत आने वाले गांव भगवानपुर और रामपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० संदीप चौधरी एवं प्रभारी चिकित्सा डा० शेर मोहम्मद के निर्देश पर प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ आर के यादव ने अपने मुल काम को करते हुए, आज इन गावों में आशा सुनीता और एच बी कमला सिंह के सहयोग से कुल 138 आयुष्मान कार्ड वितरित किया गया। इस दौरान लाभार्थियो से उनके अनुभव भी प्राप्त किए गए।

उत्तरप्रदेश राज्य के वाराणसी ज़िला से हमारे श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि जहाँ हर तरफ स्वच्छ भारत के तहत स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है तो वही वाराणासी जिले के बड़ागांव ब्लॉक अंतर्गत कुड़ी ग्राम सभा में कुड़ी से सत्तनपुर, हाथी,जंसा होते हुए वाराणासी पहुँचने का छोटा सा मार्ग है ,जो इस समय कुड़ी बाजार के आगे मुख्य मार्ग से सटा हुआ आबादी के बीचोंबीच बहुत ही नरकीय स्थिति में है। इस मार्ग से प्रति दिन सैकड़ो की संख्या में लोग अपने वाहनों से गुजरते हैं। पैदल भी लोग वरुणा नदी तक जाते हैं। अक्सर कोई न कोई बाइक सवार वहाँ एकत्र हुए गंदे पानी में गिरकर चोटिल हो ही जाता है घरों के गंदे नाले की पानी रास्ते पर बहा रहे हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के वाराणसी ज़िला से हमारे श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि बड़ागांव ब्लाक के कुड़ी सत्तनपुर लिंक मार्ग जो हाथी बाजार जंसा होते हुए वाराणसी शहर जाने का शार्टकट रास्ता है ,कुड़ी में चलने लायक नही बचा है।सड़क में बहुत गन्दगी है। गड्ढ़ों में गन्दा पानी जमा रहता है। राहगीर जब तक दुर्घटना के शिकार होते रहते है