पोठिया प्रखंड अंतर्गत मिर्जापुर पंचायत स्थित वार्ड संख्या छह में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सम्पर्क योजना से शुरू की गई सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। सड़क निर्माण कार्य पिछले वर्ष 2020 के अगस्त माह को शुरू की गई थी। लेकिन ढाई वर्ष के बाद भी सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। जबकि ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल किशनगंज के कनीय अभियंता ने दो माह पूर्व ग्रामीणों को आश्वासन दिया था।
पोठिया प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित भवन में बिहार सरकार के श्रम संशाधन विभाग के नेतृत्व में एक दिवसीय नियोजन शिविर लगा। तीन पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया गया। सभी तीन रिक्त पदों के विरुद्ध अलग-अलग गाइडलाइंस के तहत नियम शर्त के आधार पर नियोजन किया गया। अधिकारी रत्नेश कुमार ने कहा किशनगंज जिला के अलग अलग प्रखंड में निर्धारित तिथि के तहत विशेष भर्ती कैंप से सुरक्षा जवानों की भर्ती की जाएगी।
पोठिया प्रखंड अंतर्गत मिर्जापुर पंचायत के पोखरिया आदिवासी गांव तथा गांव तक जानेवाली पक्की सड़क का अस्तित्व डोक नदी की कटाव से खतरे में है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कुछ ही दूरी में बह रही डोक पर तटबंध का निर्माण नहीं कराया गया तो पोखरिया आदिवासी गांव तथा शेरसाहवादी टोला के 150 परिवार आगामी बरसात के समय बेघर हो सकते हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस समस्या को लेकर उचित कदम उठाया जाए।
पोठिया मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित परलाबारी पंचायत के सिंघीमारी गांव में जाने के लिए आज तक कोई सुगम रास्ता नहीं है। दो हजार की आबादी वाले गांव के ग्रामीण तथा विद्यार्थियों को विद्यालय तथा मुख्य सड़क तक आने के लिए तीन किलोमीटर कच्ची सड़क से गुजरने की मजबूरी है। सबसे अधिक समस्या बरसात के दिनों में होती है। कीचड़ से सनी सड़क पर पैदल, साइकिल तथा स्कूली बच्चों को काफी मुसीबतों से होकर गुजरना पड़ता है। लोगों की मांग है कि यहां जल्द से जल्द सड़क बनाया जाए।
पोठिया प्रखंड के 22 पंचायतों के अमूमन सभी किसानों द्वारा सिंचाई हेतु बिजली बोर्ड में कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है, परंतु बिजली बोर्ड की लापरवाही के कारण किसानों को अब तक ना ही कनेक्शन मिला और ना ही मीटर मिला है। मजबूर होकर किसानों को डीजल खरीदकर निजी व्यवस्था या पंपसेट से सिंचाई करने की मजबूरी है। इससे उनका फसल में लागत बढ़ रहा है। प्रखंड में सिंचाई हेतु तारों का जाल बिछा हुआ है, परंतु आज भी पोठिया प्रखंड के किसान सरकार द्वारा चलाई जा रही इस महत्वकांक्षी योजना से लाभान्वित नहीं हो पाए हैं।
पोठिया प्रखंड के रायपुर पंचायत निवासी मो. यासिर हुसैन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरवार में बीते सोमवार को वार्ड संख्या 13 स्थित धुमनिया गांव से किशनगंज-ठाकुरगंज मुख्य सड़क सम्पर्क जोड़ने वाली दो किमी कच्ची सड़क निर्माण की मांग किया है। मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान में लिया व दिशा निर्देश दिया। जिसे लेकर ग्रामीणों में हर्ष है।
पोठिया मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित परलाबारी पंचायत के सिंघीमारी गांव में जाने के लिए आज तक कोई सुगम रास्ता नहीं है। दो हजार की आबादी वाले गांव के ग्रामीण तथा विद्यार्थियों को विद्यालय तथा मुख्य सड़क तक आने के लिए तीन किलोमीटर कच्ची सड़क से गुजरने की मजबूरी है। सबसे अधिक समस्या बरसात के दिनों में होती है। कीचड़ से सनी सड़क पर पैदल, साइकिल तथा स्कूली बच्चों को काफी मुसीबतों से होकर गुजरना पड़ता है। लोगों की मांग है कि यहां जल्द से जल्द सड़क बनाया जाए।
पोठिया प्रखंड के अंतर्गत डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय में कृषि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू नहीं होने से स्थानीय छात्रों को बाहर जाकर कृषि संबंधी की पढ़ाई करनी पड़ती है।कॉलेज में सात साल बाद भी स्नातकोत्तर की पढ़ाई चालू नहीं। छात्र-छात्राएं मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्नातकोत्तर की पढ़ाई चालू की जाए।
पोठिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छत्तरगाछ पंचायत में अधूरा नाला निर्माण से लोगों की समस्या और भी बढ़ गयी है। ग्रामीणों को जल जमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बना नाला अधूरा रहने से समस्या का कारण ही बन चुकी है। लोगों की मांग है नाला का काम पूर्ण हो।
पोठिया प्रखंड अंतर्गत फाला पंचायत स्थित दलुआ हाट से दलुआबस्ती होते हुए पुरंदरपुर मुख्य सड़क को जोड़नेवाली लगभग डेढ़ किलोमीटर जर्जर सड़क के मरम्मत व कालीकरण की मांग स्थानीय ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की है। जिससे दलुआ हाट तथा दलुआ उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, एवं मुख्य सड़क तक आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है।