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दोस्तों, देश में बालिकाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने, लड़कियों की शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, करियर के लिए मार्ग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। नेशनल गर्ल चाइल्ड डे का मुख्य उद्देश्य बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और देश में लड़कियों के सामने आने वाली असमानताओं के मुद्दों से निपटना और बेटियों के अधिकारों के बारे में सभी को बताना है। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाये।

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मैक्लुस्कीगंज 11 जनवरी 2024 सिटी बजाओ उपस्थिति बढ़ाओ अभियान के तहत खलारी प्रखण्ड के लपरा पंचायत में कार्यक्रम आयोजित किया गया. पंचायत के राउमवि कोलपारा में लपरा मुखिया पुतुल देवी की उपस्थिति में उक्त विद्यालय के बच्चों ने रैली निकालकर व सिटी बजाकर गांव के टोलों मुहल्लों का भ्रमण किया. पोषक क्षेत्र के अंतिम घरों में रहने वाले कुछ बच्चों को सिटी दिया गया. स्कूल आते वख्त सिटी बजाकर अपने आस पड़ोस में रहने वाले अन्य बच्चों को भी स्कूल तक पहुंचाने के लिए जागरूक करने की अपील किया गया. इस अभियान में शिक्षक गजाधर प्रसाद यादव, स्वपन्न कुमार राम, रामलाल मुंडा, सन्तोष प्रसाद, सहित विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बासुदेव उरांव सहित ग्रामीण शामिल थे.

सिटी बजाए स्कूल बुलाए कार्यक्रम का आयोजन कर बच्चों को स्कूल बुलाने को किया गया प्रेरित

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ग्राम वाणी के बिषय में जानकारी दी। महिला स्वास्थ्य हिमोग्लोबिन के महत्व पर बच्चे के टीकाकार के महत्व पर।

दोस्तों, भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट से यह पता चला कि वर्तमान में भारत के करीब 6.57 प्रतिशत गांवों में ही वरिष्ठ माध्यमिक कक्षा 11वीं और 12वीं यानी हायर एजुकेशन के लिए स्कूल हैं। देश के केवल 11 प्रतिशत गांवों में ही 9वीं और 10वीं की पढ़ाई के लिए हाई स्कूल हैं। यदि राज्यवार देखें तो आज भी देश के करीब 10 राज्य ऐसे हैं जहां 15 प्रतिशत से अधिक गांवों में कोई स्कूल नहीं है। शिक्षा में समानता का अधिकार बताने वाले देश के आंकड़े वास्तव में कुछ और ही बयान करते हैं और जहां एक तरफ शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति समाज की प्रगति का संकेत देती है, वहीं लड़कियों की लड़कों तुलना में कम संख्या हमारे समाज पर प्रश्न चिह्न भी लगाती है? वासतव में शायद आजाद देश की नारी शिक्षा के लिए अभी भी पूरी तरह से आजाद नहीं है। तब तक आप हमें बताइए कि * ------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने लाइन में खड़ी है ? * ------आपके हिसाब से लड़कियाँ की शिक्षा क्यों नहीं ले पा रहीं है ? लड़कियों की शिक्षा क्यों ज़रूरी है ? * ------साथ ही लड़कियाँ की शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है ?