12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने निकला ऑटो ड्राइवर का बेटा।

100 युवाओं ने ली भाजपा की सदस्यता।

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

सांसद खेल स्पर्धा के तहत हुई मिनी मैराथन।

भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।

रूढीवाद सामाजिक विज्ञान के तहत स्थापित एक ऐसी विचारधारा है जो पारंपरिक मान्यताओं का अनुकरण तार्किककता या वैज्ञानिकता के बजाए केवल आस्था तथा प्राप्त अनुभवों के आधार पर करती है। यह सामाजिक और नैतिक मान्यताओं को चिरकाल तक प्रचलित मान्यताओं और व्यवस्थाओं के प्रति अपनी भागीदारी सिद्ध करती है। किसी भी समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता जैसी बुराई किसी भी देश की प्रगति को पीछे धकेल देती है। रूढ़िवादिता हमारे नवयुवकों को भाग्यवादिता की और ले जाती है। इसके फलस्वरूप् वे कर्महीन हो जाते है और असफलताओं में अपनी कमियों को ढ़ूढने की बजाए इसे भाग्य की परिणिति का रूप दे देती है। आज हम बात करेंगे रूढ़िवादी बनाम बेडियां।

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सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए पतोत्री वैद्य जी को, जिनका कहना है युवाओं की सोच में एक नई उम्मीद और दृष्टिकोण है जो समाज में जेंडर के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रूप से उतर रहा है। युवा समझते हैं कि जेंडर परिवर्तन का मतलब सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि सोच और आदतों में भी बदलाव लाना है।अब आप हमें बताएं कि जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ आप क्या सोच रहे हैं और इसे खत्म करने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार और सुझाव हमें बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर

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उड़ता पंजाब जैसे सीन गुना में।