"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मिर्च की फसल में लगने वाले थ्रिप्स कीट के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
रिसेप्शन रिकॉर्डिंग और लेबलिंग के बारे में जानकारी रिसेप्शन लेबोरेटरी के अंदर बहुत टाइप की स्पेसिमेन आते हैं उन स्पेसिमेन को रिसेप्शन पर नोट करना चाहिए स्पेशल की स्पेसिमेन के कहां से आता है कौन से डॉक्टर के द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन किया गया है और यह सारी इनफार्मेशन हमें होनी चाहिए बतानी चाहिए लेप को मैनेज करने के लिए रिसेप्शन पर जो भी परसों वर्क कर रहा है वह वाले एक्युरेटेड होना चाहिए उसे टेस्ट के बारे में इतना लेट के बारे में सारी इनफार्मेशन होनी चाहिए रिकॉर्डिंग क्या होती है लेबोरेटरी में रिकॉर्डिंग के एक इंपॉर्टेंट प्रक्रिया होती जो की लाइफ के अंदर परफॉर्म की जाती है लेट में सभी प्रकार के सैंपल की रिकॉर्डिंग की जाती है उसमें हमें क्या-क्या रिकॉर्डिंग करना चाहिए तो पेशेंट का नाम आगे सेक्स आईडेंटिफिकेशन नंबर नाम का टेस्ट तो प्रक्रिया का टेस्ट फिजिकल अपीरियंस और रिजल्ट का टेस्ट लेबलिंग क्या होती है तो लेबोरेटरी के अंदर बहुत सारे टाइप के स्पेसिमेन आते हैं इन्हें लेवल के लिए करना आवश्यक होता है मजदूर इस ने लेवल करने किया इसलिए किया जाता है कि पेशेंट का सैंपल आपस में मिक्स हो जिसके कारण रिकॉर्ड गलत या सही हो सकती क्योंकि एक ही नाम के दो पेटेंट हो सकते हैं इसलिए हमें उनका लेवलिंग करना आवश्यक होता है इससे उसका आईडेंटिफिकेशन नंबर किया जा सके और हम पेशेंट को सही रिजल्ट या रिपोर्ट दे सके
एंबेडिंग कास्टिंग का मतलब होता है सांचे में डालना प्रक्रिया में इनफील्ट्रेशन और इंप्लीकेशन इन बेनग्रेशन के द्वारा टिशु को वर्ण लिक्विड पैराफिन वैक्स में रखा जाता है जो कि कल होने पर एक ब्लॉक में कन्वर्ट हो जाता है हो जाता है होने पर एक ब्लॉक वेडिंग के द्वारा टिशु को माइक्रोटोम से क्षेत्र कटिंग करने के लिए तैयार किया जाता है आलमंड शॉप का एंब्रॉयडरी बॉक्स उसे किया जाता है जो 10 से 20 मिनट के लिए कोल्ड रखते हैं कोल्ड वाटर में से रखते हैं और आलमंड का फुल फॉर्म क्या होता है लिक्विड मोड मेथड आलमंड शॉप का एंबेडिंग एल मॉडल हैवी मैटेलिक ब्रॉस के पीछे से बना होता है क्लास की क्लास की प्लेट पर रखा जाता है ग्लास प्लेट पर अल्प्स में ग्लिसरीन अप्लाई कर सकते हैं ल शेप्ड इन वेडिंग वर्ल्ड बनाकर अब हम इस टिश्यू के पीस में बॉक्स कैविटी नंबर भी रखते अब इसमें मेथड पैराफिन वैक्स को पूरे कल होने पर दोनों अल्प्स में सेपरेट करते हैं अब हमें टिशु को आप लोग बनाकर अब टिशु का ब्लॉकिंग हॉल की थे टिशु से ब्लॉक को होल्ड करके माइक्रोटोम से फिक्स करते हो टिशु को ब्लॉक की क्षेत्र कटिंग करने के लिए रेडी करते हैं
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा कृषि में जैव उर्वरक एज़ोला के उपयोग के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
दिन में ग्लूकोस टेस्ट के लिए टेबलेट मेथड का उसे किया जाता है साथ ही जिसमें टैबलेट का उसे कहते जिसमे टैबलेट को जो की कलर जो की कॉपर सल्फेट साइट्रिक एसिड सोडियम सिट्रेट कार्बन और हाइड्रोजन जो टेबलेट होती है उसमें यूरिन में टैबलेट को डालने के बाद रिएक्शन के कारण कलर चेंज होता है इसमें क्या-क्या रिक्वायरमेंट होती है तो हमें जो होते यूरीन सैंपल की होती है और टेस्ट ट्यूब की होती है प्रॉपर की होती सबसे पहले क्लीन एंड फिर एक वन एमएल की टेस्टी ट्यूब लेते हैं और 52 मल की टेस्टी में 5 ड्रॉप यूरिन लेते हैं अभी इस यूरिन में 10 ड्रॉप वॉटर एड करते हैं अब टेस्ट ट्यूब में टैबलेट को डालते हैं अब जिसमें ट्यूब में हल्का सा उबाल आने लगता है और इसके बाद इसका कलर चेंज हो जाता है अब इसके बाद आए हुए रिजल्ट को नोट किया जाता है ऑब्जरवेशन तो जो कलर चेंज होता है अगर यूरिन में कलर चेंज नहीं हो रहा है उसमें ग्लूकोस प्रजेंट नहीं है तो टेस्ट नेगेटिव आता है और अगर पॉजिटिव आता है तो यूरिन होती है उसमें ग्लूकोस प्रेजेंट होता है
यह टेस्टी स्पीड मटेरियल टेस्ट स्पीड प्लास्टिक की बनी होती है इसके रीजेंट लगी होती है जो की शुगर की प्रसेंस और एब्सेंट के कलर के चेंज होने को शो करते हैं जब इस स्पीड को यूरिन में ड्रॉप किया जाता है तो यह केमिकल रिएक्शन के कारण अपना कलर चेंज करती है वह चेंज हुए कलर को स्पीड के बॉक्स पर बने कलर चार्ट से मैच किया जाता है यह स्पीड मार्केट में इसलिए अवेलेबल हो जाती है
बेनेडिक्ट टेस्ट क्यों लगाते हैं तो जो ग्लूकोस होता है अगर हमारी यूरिन में अगर ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है इसका पता लगाने के लिए हम बेनेडिक्ट टेस्ट लगते हैं बेनेदिक टेस्ट के लिए हमें क्या रिक्वायरमेंट होती है क्यों लगा कैसे करते इसमें सबसे पहले हम टेस्टिटिव की आवश्यकता और टेस्ट ट्यूब होल्डर की बंसल बर्नर की बेनेदिक रीजेंट के यूरीन सैंपल की ओर ड्रॉपर की तो सबसे पहले क्या करते हैं क्लीन एंड डायट इंस्टीट्यूट लेते हैं टेस्ट ट्यूब में 5 मल बेनेदिक रीजेंट डालते हैं इसमें पासवर्ड प्रीपेड की हेल्प से एड्रेस यूरिन को ऐड करते हैं अब इसे अच्छी तरह से मिक्स करते हैं बंसल बर्नर पर 5 तो 10 मिनट तक ठीक करेंगे और टेस्टो ट्यूब के अप्पर पोर्शन को हिट करते हैं जब इस टेस्ट ट्यूब को वाटर या रनिंग टैप वाटर से कॉल करते हैं तो ऑब्जर्व उसके बाद उसका ऑब्जरवेशन करते हैं तो अगर ब्लू कलर होता है तो ब्लू कलर होता है तो एब्सेंट एब्सेंट होता है यूरिन में ग्लूकोज और अगर ग्रीन कलर होता है तो 1% प्रेजेंट होता है ग्रीन एंड येलो कलर होता है तो 2% प्रेजेंट होता है ग्रीनीश येलो होता है तो प्लस प्लस प्रेजेंट होता है येलो एंड ऑरेंज होता है तो 3% प्रेजेंट होता है ग्लूकोस यूरिन में और अगर ऑरेंज एंड ब्राइट रेड होता है तो उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में जो होता है यूरिन में ग्लूकोज प्रेजेंट होता है
आॅकल्ट ब्लड टेस्ट इसमें रिकॉर्ड रिटायरमेंट में क्लास टेस्ट ट्यूब पाश्चर प्रीपेड ड्रॉपर बेंजीन पाउडर ग्लीसरिक एसिटिक एसिड स्टेप फोर्स हाइड्रोजन पराक्साइड लाइन कवर स्लिप और स्लाइड लेते हैं प्रोसीजर मतलब इस प्रक्रिया को हम कैसे करते हैं तो एक क्लीन एंड राइट टेस्ट ट्यूब लेते हैं टेस्ट ट्यूब में 1 इंच बेंजीन पाउडर डालते हैं आप टेस्ट ट्यूब को 2 से 3 ड्रॉप ग्लीसरिक एसिड डालते हैं और उसे मिक्स करते हैं मिक्स करने के बाद तब टेस्ट ट्यूब में 2 म h2o सॉल्यूशन ऐड करते और मिक्स करते हैं आप टेस्ट ट्यूब में 1 मल सुपरनैटेंट पार्ट को 2 मल की टेस्ट ट्यूब में अलग ट्रांसफर करते हैं और ट्रांसफर किए गए सुपरनैटेंट पार्ट में 0.5 मल यूरिन ऐड करते हुए उसे अच्छी तरह से मिक्स करते मिक्स करने के बाद 5 मिनट के बाद कलर ऑब्जरवेशन करते हैं अगर जो कलर चेंज तो उसमें आॅकल्ट प्लेट एब्सेंट होगा अगर कलर चेंज होता है तो उसमें होकर ब्लड प्रेशर मतलब टेस्ट पॉजिटिव है
पैरासाइटोलॉजी मेडिकल साइंस के ब्रांच होती है जिसमें हम परजीवी जिसके अंदर हम परजीवी की स्टडी करते हैं और पैरासाइटोलॉजी में मेरे से परजीवी की स्टडी करते हैं जो इनफैक्ट होते हैं और वूमेन में डिजीज प्रोड्यूस करते हैं परजीवी रोजी माइक्रोबायोलॉजी की एक ब्रांच होती है परजीवी क्या होते परजीवी लिविंग आर्गनिज्म होते हैं और लिविंग होस्ट लिविंग होस्ट में अपनी लाइफ साइकिल कंप्लीट करते हैं अपने पोषण के लिए लिविंग होस्ट पर डिपेंड रहते हैं ऐसे परजीवी को ऐसे माइक्रोऑर्गेनाइज्म को परजीवी कहा जाता है परजीवी को टू पार्ट में डिवाइड किया गया है प्रोटोजोआ और हेलमेटोलॉजी प्रोटोकॉलजी यूनिसेल्यूलर होता है इसमें हम प्रोटोजोआ की स्टडी करते हैं और हेलमेटोलॉजी मल्टीसेल्यूलर होते हैं उसमें हम हेलमेट्रिक और किट और उनसे होने वाले रोगों की स्टडी करते हैं
रोजाना फल खाने साथिया अंगूर के साथ विशेष रूप से सच हो सकता है छोड़ जाता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक मात्रा में पानी चाहिए जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है अंगूर में मौजूद फाइबर सहित की भावना में भी योगदान देता है धमनी और रक्त भाई का और नसों को हेल्दी रखने के लिए भी अंगूर काफी फायदेमंद होता है अंगूर में नोटिस पाए जाते हैं जो जो हाई ब्लड प्रेशर लेवल को कम करने में मदद करने के साथ-साथ नसों वह धमनियों को कठोरपन को भी काम करता है टाइट है तो इसका पालन करना चाहिए तो हम डेली 8 से 10 अंगूर खा सकते हैं
