श्रोताओं मेरा नाम मनोज हसदा है। बारिश का पानी को कैसे बचाना है उसके बारे में बता रहा हूं। लोग बोलते हैं कि बारिश का पानी इधर-उधर बाह कर बर्बाद हो जाता है। लेकिन इस पानी को अपने तरीका से रखने पर धूप के दिनों में सब्जी पटाने में काम आती है । जैसे कि बैंगन, मिर्च, टमाटर,सिम, और तरह का सब्जी मैंने अभी तक जो पानी रखा था उस पानी से पटाकर हरा भरा रखे हैं। और सब्जी लगाने जा रहे हैं जैसे खीरा तरबूज फिर उसी पानी से सिंचाई करेंगे फिर से हरा भरा रखेंगे हम लोग सोच समझ कर खेती बड़ी नहीं करते हैं दिल्ली-मुंबई हरियाणा काम करने चले जाते हैं अपना घर छोड़ कर लोग नहीं सोचते हैं कि अपना जमीन में ही खेती-बाड़ी कर अपना जीवन बिताएं। हम सोचते हैं कि अपना जमीन में ही खेती कर जीवन बिताएं इसलिए खेती कर रहे हैं जोहार धन्यवाद।

श्रोताओं मेरा नाम सुभानी बेसरा ग्राम सिखट्टियां है।मैंने कहानी सुनी घरेलू हिंसा के बारे में कि महिलाओं को बेटी पैदा करने से बहुत ही अत्याचार किया जाता है। किसी भी महिला बेटी पैदा करती है तो उसके उपर अत्याचार नहीं करना चाहिए। यही हम सभी दीदी को सलाह देंगे और चिराग वाणी में रिकॉर्ड करने बोलते हैं।

मेरा नाम रिंकी हांसदा है। गांव सिखट्टियां पंचायत पोझा से हूं। बरसात का पानी को बचाने के बारे में बता रही हूं। बारिश के समय आंगन से पानी बाकर बाहर निकलती है। उस पानी को रोकने के लिए घर के बाहर गड्ढा खुदाई की जाती है। घर के आंगन से निकलने वाली पानी नली द्वारा गड्ढा तक पहुंचाई जाती है। गड्ढा में पानी जमा हो जाती हैं उस पानी को धूप के दिनों में सब्जी पटाने में प्रयोग करते हैं। सब्जी उतना अच्छा से नहीं पटा पाते हैं फिर भी घर में खाने भर तो पटा लेते हैं।धन्यवाद!!

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