इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर ज़िला से शहनाज़ ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि गंदे शौचालय और गन्दा पानी स्कूल में लड़कियों की पढ़ाई में बाधाएं लाता है ।लड़की अगर पीरियड में रहती है तो शौचालय या पानी के अभाव में स्कूल नहीं आ पाती है

मध्यप्रदेश राज्य के पन्ना ज़िला से हमारे श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि इनके क्षेत्र में जो सरकार स्कूल है वो आधारभूत सुविधा के अभाव में है। स्कूल में शौचालय नहीं है ,शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के जिला शेखपुरा से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि स्कूल में शौचालय तो है लेकिन पानी की व्यवस्था सही नहीं है, जिसके कारण बच्चों को परेशानी होती है। शिक्षक का बर्ताव बहुत अच्छा है। चापाकल भी ख़राब है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि शौचालय और पानी विद्यार्थियों की ज़रुरत है। बच्चे विद्यालय में काफी समय बिताते है। इसीलिए बच्चों का शौचालय का इस्तमाल करना स्वाभाविक है। शौचालय पर ध्यान देना चाहिए की वह स्वक्ष है कि नहीं। शौचालय में लड़कियों के लिए सेनेटरी पद का होना जरूरी है। विद्यालय में अच्छी सुविधा नहीं होने के कारण बच्चियाँ स्कूल छोड़ देते है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला हरदोई से कपिल चौहान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि स्कूलों की शौचालय की व्यवस्था को लेकर अभी भी पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये गए है। स्कूलों की साफ़ सफाई नहीं होती है। कई स्कूलों में सफाई होती है लेकिन अच्छे से सफाई नहीं होती। पानी की व्यवस्था शौचालय में नहीं होती है। कई स्कूलों में ताले लगे रहते है। शौचालय में कई समान रख दिए जाते है। स्कूलों की व्यवस्था में सरकार को ध्यान देना चाहिए।