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वर्तमान समय में विश्व भर में तंबाकू की खपत जिस तेजी से बढ़ रही है, उसे देखकर हैरानी होती है। तम्बाकू का न केवल शरीर और स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को भी पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। तम्बाकू को मानव शरीर में होने वाली कई घातक बीमारियों का जनक भी कहा जा सकता है।विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने के लिए हर साल एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना" है। तो साथियों आइये इस दिवस के अवसर पर हम सभी प्रण लें और विश्व को तम्बाकू के सेवन से मुक्त करने में अपना योगदान दें। धन्यवाद !!
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बंगाल जो एक नहीं दो बार विभाजित हुआ. वो क्षेत्र जो कभी भारत का हिस्सा था. जिसने भारत को एक से एक नायक दिए, आखिर क्यों हुआ था उसका पहला विभाजन? जानने के लिए सुनिए करियर अड्डा में अखंड भारत का नया अध्याय
महिला उद्यमी सशक्तिकरण कार्यक्रम के माध्यम से चाची कहिन के चौथे कड़ी में चाची बता रही है कि एक अच्छे कारोबार में आईडिया का चुनाव कैसे करना चाहिए।
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भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने
दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?