झारखंड राज्य के चतरा जिला के सिमरिया प्रखंड सेमहेश प्रसाद मोबाइल वाणी के माध्यम से कहत है कि मेरी पंचायत मेरी शक्ति कार्यकरम सुनकर समझ आया कि महिलाओं के साथ जो हिंसा होती है वह नहीं होना चाहिए।महिलाओं को भी अपनी मर्जी से जीने का अधिकार होना चाहिए क्योकि घर की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा महिलाओं पर ही होती है। महिला अगर एक दिन के लिए भी कहीं चली जाती है तो घर अंधकार हो जाता है इसलिए इनका मानना है कि महिला ही घर की दीपक होती है।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ के विष्णुगढ़ प्रखंड से सुलेखा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह विष्णुगढ़ की वार्ड सदस्य है।इनका कहना है कि इनके साथ जो हिंसा होती है वह उन्हें पहले हिंसा समझती ही नहीं थी लेकिन नीलिमा की कहानी सुनकर सीखी की उनके साथ भी इस तरह की हिंसा होती है। महिलाओं को घर से लेकर बाहर तक हिंसा का सामना करना पड़ता है और इसके लिए वह महिलाओं को समझाती भी है।वही कहती है कि अगर कोई महिला अपने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाती है तो इन्हें सामने वाले क्या बोल रहे है उसका ध्यान नहीं देना चाहिए क्योकि समाज के लोग महिलाओं को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते है बल्कि उन्हें घर पर ही रहने देना चाहते है।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड से सुनीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही है कि समूह से जुड़ने के बाद जब मोबाइल वाणी में नीलिमा की कहानी सुनी तो उनकी समझ बढ़ी कि घर में रहने से ना ही कुछ सिख पाते है और ना ही कोई जानकारी ले पाते है। नीलिमा की कहानी सुन कर इन्हे लगा की कि ये अपने पैरो पर खड़ी हो गयी है। ये अपने घरो में होने वाले हिंसा को खुद से मिटायी है। साथ में नीलिमा की कहानी सुना करा दुसरो को भी हिंसा मुक्त जीने के लिए सीखा रही है।

झारखण्ड राज्य के जिला हजारीबाग के ईचाक प्रखंड से सत्या कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि नीलिमा की कहानी सुनकर सीख मिलती है कि अन्याय को नहीं सहना चाहिए उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

झारखंड राज्य के चतरा जिला के थाना चतरा के गांव पकरिया से हिरदा मींच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि मोबाइल वाणी एक अच्छा मंच है क्योकि इसमें महिलाओं को जागरूक और उन्हें समझाया जाता है.इन्हें कार्यकरम सुनना बहुत अच्छा लगता है और वह दूसरे महिलाओं को भी जागरूक करती है तथा उन्हें सुनने के लिए प्रेरित करती है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड के चेद्रा पंचायत से अनुपूर्णा वर्मा जो की वार्ड सदस्य है, मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है, की वो महिलाओं के मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करतीं है, ग्राम सभाओं में मुद्दों को उठती है । नीलिमा की कहानी से वो बहुत ज्यादा प्रभावित हुई हैं ,और ग्राम सभा में महिलायें अपने मुद्दों को लेकर आतीं हैं।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से अनिशा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि उन्होंने नीलम की कहानी सुनी है,नीलिमा ने कपड़े कि दुकान खोली और आगे बढ़ी है। नीलिमा अभी मुखिया बनी है, नीलिमा की कहानी से प्रेरित हो कर उन्होंने अपनी राशन कि दुकान को महिला समूह से लोन ले कर आगे बढ़ायीं हैं।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के चेडरा पंचायत से सुनीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहती है,कि नीलिमा एक महिला है,और इस कहानी से ये सिख मिली कि पहले महिलायें घर से बहार नहीं निकलतीं थी,पर अब महिलायें घर से बाहर निकल रहीं हैं,और अपनी समस्याओं को को ला रही है,आगे बढ़ रहीं है,पहले किसी महिला के साथ हिंसा होती थी,तो एक महिला दूसरी महिला से बोलती थी,तो और कहती कि ये गलत कर रही है ,परन्तु हिम्मत नहीं होता थी ,कि उस महिला को समझाएं कि आखिर वो क्यों हिंसा बर्दास्त कर रही है, उस महिला कि मज़बूरी को कोई नहीं समझता था।नीलिमा की कहानी से सिख मिलती है,कि अगर कोई महिला ये बताती है,कि उस के साथ हिंसा हो रही है ,तो दोनों महिला को मिल कर उस समस्या को रोकने का काम करना चाहिए।नीलिमा की कहानी से ये भी सिख मिली है,कि आज हम अपनी बेटियों को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकते हैं।लड़कियों को हर चीज़ में आगे बढ़ा रहें हैं,और लड़कियों कि शादी 18 साल की उम्र के बाद ही करनी चाहिए।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला से संगीता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि जिस प्रकार महिलाओं के साथ पुरुष अत्याचार करते है यह बहुत ही गलत हैं। वह कहती हैं कि मोबाइल वाणी में चल रहे क्रिया के कार्यक्रम में भाग लेकर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ उससे लड़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है और अपने हक़ के बारे में पूरी जानकारी होने के बाद वह पुरुषों पर निर्भर न होकर अपने ऊपर निर्भर रहेंगी

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला से हमारी एक शोरता मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है ,की उनके पंचायत में एक मुखियां है जो शुरुआत में कुछ भी नहीं कर पाती थी ,परन्तु आज वो महिलाओं पर होने वाली हिंसा के मुद्दों को उठतीं है ,महिलाओं को जागरूक करतीं है।