झारखण्ड राज्य के चतरा जिले के गुढ़ाई से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहती हैं ,की ग्राम वाणी ने हमें एक अच्छा मंच दिया है। ग्राम वाणी के माध्यम से ही हम महिला नेतृत्तव को समझ प् रहे है

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के लेम पंचायत से पूनम कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नीलिमा की कहानी महिलाओं और लड़कियों की बौद्धिक क्षमता को बढाती है। नीलिमा की तेरवही कड़ी प्रेरणा दे रही है कि हम अपने अधिकार को जानकर और समझ कर निर्णय लें।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले के जांगी पंचायत से हमारी शोरता मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं, कि उनको नीलिमा की कहानी बहुत अच्छी लगती है। नीलिमा की कहानी से सभी औरतों को हौसला मिलता है औरतें सशक्त बनेगी।नीलिमा जी ने मुखिया होने का कर्तव् बहुत अच्छे से निभाया है

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से जांगी प्रखंड से संगीता जी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहतीं है कि नीलिमा की कहानी बहुत अच्छी लगती है इससे हमलोगों को सीख मिलती है लोग जागरूक हो रहे है । नीलिमा मुखिया अपने कर्तव् को बहुत अच्छे से निभा रही है। नीलिमा मुखिया के पति का दबाव है जो कि होना चाहिए। नीलिमा की कहानी से औरतें बहुत प्रभावित हुई है और वो अब घर से निकलने लगी हैं

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से हमारी एक शोरता मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है, कि उनको नीलिमा की कहानी भट अच्छी लगती है। वो कहती हैं की नीलिमा मुखिया अब बहुत एक्टिव हो चुकी है। वो योजनाओं के अलावा ग्राम सभाएं रखना चाहती है। वो देख रही है ,कि आज कल घर घर में औरतों के साथ मार पिट हो रही है। ये एक प्रकार का हिंसा है और आज कल ये सामाजिक मुद्दा बन चूका है। ये एक प्रकार का महिला मुद्दा भी है। नीलिमा की कहानी से औरतों का हौसला बुलंद होगा और जो गलत कर रहे है वो मार पिट में कमी ला सकेंगे बुराई कम होगी।

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के चतरा प्रखंड से डाहक मेड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि नीलिमा की कहानी की तेरवही कड़ी सुनकर बहुत अच्छा लगा और उन्हें यह जानकारी मिली की कैसे नीलिमा अपने अधिकारों और हकों को समझी ,बाकी महिलाओं ने उसका साथ दिया और अपने पति से लड़ते हुए महिलाओं के हकों के लिए खड़ी हुई। ज़्यादातर ग्राम सभ में महिला मुद्दों को आवश्यक नहीं समझा जाता है। जबकि महिला मुद्दों को भी ग्राम सभ में रखना जरुरी है और इस बात को नीलिमा ने समझा और अपने पति के हस्तक्षेप को दरकिनार करते होते पुरे विश्वास के साथ कि वह एक मुखिया है और उसका हक़ और अधिकार है कि इन मुद्दों को लिए वे ग्राम सभा करें और आवाज उठायी और इस कार्य से सबसे ज्यादा खुश महिलाएं हुई।

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के चतरा प्रखंड से महिला श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि महिलाओं आज तरह तरह की हिंसा महिलाओं के साथ होना आम बात हो गयी है। हर घर में हर उम्र की महिलाओं के साथ यह होता रहता है।समाज महिलाओं के साथ हो रही हिंसा को सामान्य बात मानता है जिसपे वे पहल करना नहीं चाहते है। उनका मानना है कि महिलाओं की जिंदगी ऐसी ही रहती है।इनका कहना है कि मेरी पंचायत मेरी शक्ति से महिला हिंसा पर इनकी समझ बढ़ी है और ये इस तरह की घटनाओं को हिंसा मानती है।

झारखंड के चतरा जिला से अलबेशिया मिंज मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि महिलाओं के ऊपर हो रहे हिंसा की पूरी जानकारी उनको नहीं थी ,लेकिन मेरी पंचायत मेरी पहचान में चल रहे नीलिमा की कहानी से उनको महिलाओं के ऊपर हो रहे हर तरह के हिंसा और उसके खिलाफ आवाज उठाने की जानकारी मिली।

झारखण्ड राज्य से आभा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि उन्होंने जब गाँव के महिलाओं से बातचीत किया तो, महिलाओं ने कहा कि पहले उन्हें लगता था कि उनके ऊपर जो हिंसाएँ हो रही है, वह सही है। क्योंकि महिलाएं जब काम करके वापस आती थी तब उनके घर के पुरुष पैसों को लेकर मारपीट आदि करते थे। उसके बाद सुबह होने पर सामान्य रूप से व्यवहार करते है। जब उन्हें नीलिमा की कहानी को दिखाया गया तब जाकर उन्हें पता चला की उनके ऊपर हो रहे अत्याचार वह सही नहीं है और साथ ही इस कहानी से उन्हें यह जानकारियाँ मिली की हमारे ऊपर हो रहे अत्याचार से कैसे लड़े।

झारखण्ड से आरती देवी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि मेरी आवाज मेरी पंचायत कार्यक्रम से उनको शक्ति मिला और जो भी पुरुष शराब पीते थे, उनके खिलाफ सभी महिलाएं ने मिलकर पुलिस के पास कम्प्लेन किया। अब हर बच्चा स्कूल जा रहा है साथ में जो भी पुरुष शराब पीते थे वे शराब पीना बंद कर रहे हैं।