बिहार राज्य के जिला नालंदा से शम्भू प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि , विपक्ष में हमने सुना है कि यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक स्थिति है । यदि कोई विरोधी नहीं है और काम मनमाने ढंग से किया जाएगा और योजनाएं अपने तरीके से बनाई जाएंगी , तो लोकतंत्र की नहीं , बल्कि राजशाही की झलक दिखाई देगी । भविष्य में ऐसा लगता है कि इस पर उसी तरह शासन किया जाएगा जैसे हिटलर ने किया था क्योंकि जनता भी जाग नहीं रही है , जनता भी पसंद कर रही है कि राजनेता क्या कर रहे हैं जबकि जनता इस लोकतंत्र की मालिक है । जब तक जनता इस महत्व को महसूस नहीं करती कि हम मालिक हैं और वे हमारे सेवक हैं , तब तक कोई जागृति नहीं होगी और यह इस लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है कि जनता सर्वोपरि है । हां , उन्हें कुछ नहीं मिलता , बस कुछ टुकड़े या मान लीजिए कि अगर पांच किलोग्राम अनाज पेट भर देता है , तो इसका राजनीतिकरण करें और हमारी राय है कि विपक्ष लोकतंत्र के लिए बहुत कुछ है । यह आवश्यक है और विपक्ष भी होना चाहिए , लेकिन आजकल पलटू का युग है , आज इस पार्टी में , कल उस पार्टी में , गाँव में देखें या शहर में देखें , तो इस तरह से काम राजनेताओं और जनता द्वारा थोड़ी सी राशि के लिए किया जा रहा है । यह लोकतंत्र का नुकसान है ।
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बिहार राज्य के नालंदा जिला के नूरसराय प्रखंड से डॉक्टर संभु प्रसाद मोबाइल वाणी के माध्यम से मेरी आवाज मेरी पहचान के मंच पर चल रहे कार्यक्रम बचपन मनाओ बढ़ते जाओ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने बताया की बच्चो को घर के काम में लगाने से उनका बौद्धिक विकास होता है। जैसे बच्चो को अपने माता पिता के कपड़ो को अलग करने से उनको कपड़ों के रंग एवं गिनती के साथ साथ कपड़े की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है
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