बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नूरसराय प्रखंड से शम्भू प्रसाद ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि प्रत्येक पंचायत प्रखंड में जमीन का सर्वे किया जा रहा था ,उसका लोग विरोध कर रहे थे।क्योंकि कानूनी हक़ जो महिलाओं को दिया गया था ,उसको धरातल पर नहीं उतारा गया था। किसी पिता ने ,किसी भाई ने अपनी बेटी व बहन को जमीन में हिस्सा नहीं दिया। बकास भूमि में पहले से लोगों ने कागज़ात नहीं बनवाया लेकिन जमीन मालिक पहले से मालगुज़ारी दे रहे है। इस अनुसार मालिकाना हक़ जमीन मालिक का होना चाहिए। पर अधिकारियों द्वारा इसमें बंदरबांट किया गया। यह शुरू से वंशावली और जमीन मामला में होता आ रहा है