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सरकार ने बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्रत्येक पंचायत के गांव में नए पाठशाला चलाया लेकिन यह पाठशाला अधिक दिनों तक धरातल पर नहीं रहा और वह धराशाई हो गया

बिहार राज्य के जिला जमुई के प्रखंड गिद्धौर से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सुकन्या विवाह योजना एक ऐसी योजना है जिसके माध्यम से लड़की के जन्म होने पर माता-पिता इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसका लाभ उठाने के लिए लड़की का जन्म प्रमाण पत्र ,फोटो माता-पिता का आधार कार्ड ,पैन कार्ड, ड्राइवरी लाइसेंस या राशन कार्ड डाकघर में जमा कर खाता खुलवा सकते हैं। और जब वह लड़की बालिग होती है तो उसे एकमुश्त ₹300000 सरकार देती है। इस योजना का लाभ सभी लड़की के माता-पिता को उठाना चाहिए ताकि सरकार की जो सोच है या सरकार की जो इच्छा शक्ति है वह पूर्ण हो सके और माता-पिता के लिए लड़की खोज नहीं होकर वरदान साबित हो सके। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

गिद्धौर-: स्वयंसेवी संस्था परिवार विकास के द्वारा चाइल्ड फंड इंडिया के सहयोग से संस्था मुख्यालय चंद्रशेखरनगर में रविवार को मां बेटी सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी ने क्या कुछ कहा सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें !

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि माता-पिता ही संतान का हत्यारा होता है। सरकार बेटियों की शिक्षा ,शादी विवाह करने बेटियों को पढ़ाने लिखाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है ताकि बेटियां पढ़ लिखकर शिक्षित समाज का निर्माण कर सके। लेकिन बेटियों के माता-पिता उसे गर्भपात करा कर मार देते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि बेटियों को आज भी लोग बोझ समझ बैठे हैं इसलिए उसे जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है। लड़कियां जब शादीशुदा जिंदगी में आती है और वह मां बनने वाली रहती है तो पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों द्वारा उसका अल्ट्रासाउंड कराया जाता है और अगर पेट में पल रहा बच्चा लड़की होती है तो उसे ऑपरेशन करा दिया जाता है या लड़की को जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है। भले ही यह कार्य सरकारी अस्पताल में नहीं होता है लेकिन प्राइवेट क्लीनिक में यह गोरख धंधा होता रहता है। जबकि सरकार अल्ट्रासाउंड करने वालों को यह सख्त निर्देश दिया है कि लिंग का रिपोर्ट उसे नहीं बताया जाए। जिस महिला को पहले से ही एक या दो लड़कियां रहती है वह तो अपनी जान जोखिम में डालकर भ्रूण हत्या करा देती है यही कारण है कि आज बेटियां समाज से लुप्त होती जा रही है। लड़कियों की संख्या दिन प्रतिदिन घटता जा रहा है जबकि सरकार बेटी की पढ़ाई लिखाई , पोशाक राशि, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड आदि की सुविधा दे रही है फिर भी लड़की का जन्म बाधा बन जा रहा है। रंजन कुमार कुमार का कहना है नारी सशक्तिकरण की बात सरकार कर रही है लेकिन नारी को जन्म लेने के पहले ही माता-पिता तैयार होने नहीं दे रहे है नारी सशक्तिकरण का सपना सरकार का कैसे पूरा होगा लड़की को समाज बोझ समझ रहा है यही कारण है कि लड़की का भ्रूण हत्या किया जा रहा है

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"दोस्तों, हेमा जी की बातों से बहुत कुछ स्पष्ट हो गया है... अब हमें आपसे भी कुछ जानना चाहते हैं— - आपके हिसाब से विद्यालय शिक्षा समिति सदस्केय को शिक्षा की बेहतरी के लिए क्या करना चाहिए ? - हमें बताएं कि आपके यहाँ बालिका शिक्षा की समस्या को हल करने के लिए क्या करना चाहिए? - अगर आप विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य हैं तो आप विद्यालय की बेहतरी के लिए क्या करना चाहते हैं तथा किन परेशानियों को झेलते हैं ?

भ्रूण हत्या का खामियाजा समाज भोगना शुरू कर दिया

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गिद्धौर प्रखंड महुलीगढ़ गाँव में बीते गुरुवार को समारोह आयोजित कर जमुई के एन. जी.ओ. आशा पायल फाउंडेशन के द्वारा महुलीगढ़ निवासी शिशुपाल ठाकुर की 18 वर्षीय पुत्री रूबी कुमारी को वार्ड सदस्या श्रीमती लक्ष्मी देवी के हाथों नि: शुल्क विवाह से पूर्व विदाई का समान प्रदान किया गया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।