बुधवार की अहले सुबह जमुई गिद्धौर मुख्य राज्यमार्ग स्थित सरसा मोड़ के समीप तेज रफ्तार मवेशियों से लदा एक ट्रक अनियंत्रित होकर डिवाईडर से टकराते हुए पलट गई। दुर्घटना में तस्करी को ट्रक पर लोड ले जाए जा रहे कुल 22 मवेशियों में से 8 मवेशियों की मौत घटना स्थल पर ही हो गई। दुर्घटना में चालक और उपचालक के भी घायल होने की बात बताई जा रही। घटना के बाद दोनों वाहन छोड़कर फरार हो गए।बताया जाता है की मालवाहक ट्रक नंबर BR27G6597 को जमुई की ओर से आ रहा था।मुख्य राज मार्ग के सरसा मोड़ पर पहूंचते ही चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया और ट्रक वाहन डीवाईदार से टकरा कर पलट गई। घटना की भनक स्थानीय ग्रामीणों को सुबह लगी जिसके बाद घटना को जानकारी द्वारा गिद्धौर पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही गिद्धौर थानाध्यक्ष बृज भूषण सिंह पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहूंच ग्रामीणों और जेसीबी मशीन की मदद से पलटे ट्रक में जीवित बचे मवेशियों को निकाला गाय। व घायल मवेशीयो को पशु चिकित्सक से इलाज करावा महुली व भौराटांड़ गांव के पशुपालकों उनके देख रेख के लिए जिम्मेनामा पर सुपुर्द किया गया है। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो ठंड का मौसम शुरू होते ही रात्रि में मवेशी तस्कर सक्रिय हो जाते है।और विभिन्न इलाकों से मवेशी की तस्करी कर उन्हे जमुई गिद्धौर मुख्य राज मार्ग होकर बड़ी आसानी तस्करी के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता ,आसनसोल वर्दमान सहित अन्य इलाके में ले जा मवेशियों की मोटी कीमत वसूल की जाती है। ग्रामीणों की माने तो बुधवार की सुबह चार बजे के आस पास उक्त ट्रक में मवेशीयो को भर कर तस्करी के लिए पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता ले जाया जा रहा था। लेकिन जमुई-गिद्धौर मुख्य मार्ग के सरसा मोड़ के पास वाहन की गति तेज होने के कारण तेज रफ्तार ट्रक डिवाइडर से टकरा गया और पलट गया। व चालक और उप चालक मौके से फरार हो गया।

प्रखंड क्षेत्र के पशुपालक इन दिनों काफी चिंतित नजर आ रहे हैं क्योंकि पशुओं में कई तरह क्या रोग हो रहा है और इसका उपचार किस नहीं जानते हैं जिसके कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है अगर पशुपालन विभाग द्वारा इस बीमारी के रोकथाम को लेकर टीकाकरण अभियान चलाया जाए तो पशुओं को राहत मिल सकता है

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा सर्दियों के मौसम में मुर्गी का आवास कैसा होना चाहिए इसकी जानकारी दे रहे है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

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गिद्धौर प्रखंड में स्थित पशु अस्पताल को देखने से या प्रतीक होता है कि यह कोई पंप का घर है नहीं तो उसमें पशु चिकित्सालय लिखा हुआ है और नहीं तो किसी प्रकार का कोई लेखन है जिससे साफ जाए रोता है कि चिकित्सक अपनी मनमानी से इस अस्पताल को जब चाहता है तब होता है और जब चाहता तो उसे बंद कर देता यही कारण है कि आज तक इधर प्रथम क्षेत्र के पशुपालक डॉक्टर को नहीं पहचानते और नहीं तो यह जानते हैं कि प्रखंड में भी पशु अस्पताल का निर्माण कराया गया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हम जानेंगे - बकरी के घर को साफ़ रखना क्यों जरूरी है ? अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

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