गिद्धौर प्रखंड में स्थित पशु अस्पताल को देखने से या प्रतीक होता है कि यह कोई पंप का घर है नहीं तो उसमें पशु चिकित्सालय लिखा हुआ है और नहीं तो किसी प्रकार का कोई लेखन है जिससे साफ जाए रोता है कि चिकित्सक अपनी मनमानी से इस अस्पताल को जब चाहता है तब होता है और जब चाहता तो उसे बंद कर देता यही कारण है कि आज तक इधर प्रथम क्षेत्र के पशुपालक डॉक्टर को नहीं पहचानते और नहीं तो यह जानते हैं कि प्रखंड में भी पशु अस्पताल का निर्माण कराया गया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।