उत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ जिला से रोहित श्रमिक वाणी के माध्यम से मजदूरों के बारे में बता रहे है।

महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि मजदुर की वजह से ही देश का विकास संभव है

महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि आज का दिन मजदूरों के नाम पर है, लेकिन मजदूरों की स्थिति को देखते हुए देश की प्रगति और देश की सत्तारूढ़ सरकार यही बता रही है। यह श्रम दिवस उन श्रमिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो वर्तमान में अपने किसी न किसी कार्य में लगे हुए हैं, जो श्रमिकों की प्रगति को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। जिस तरह से कुछ मजदूरों ने यहां अपनी विचारधारा के माध्यम से पुराने आंदोलन को आगे बढ़ाने की कोशिश की है मजदूर वे श्रमिक हैं जिनकी प्रगति के लिए इस देश में एक ओर देश की राज्य सरकार या सरकार को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, तो दूसरी ओर श्रमिकों के लिए बड़े-बड़े चुनाव हैं। समय पर दावे, वादे, लेकिन ये निर्णय मजदूरों को अधिकांश नौकरियां प्रदान करने में विफल रहे हैं। साथियों, मजदूर भी हैं, इसलिए देश में बड़ी-बड़ी इमारतें हैं। देश में बहुत काम है, देश का विकास है, लेकिन जो प्रगति मजदूरों के नाम पर है, जो कर्तव्य है, जो काम है, जो रोजगार है, जो कुछ भी मजदूरों के नाम पर है, जो सरकार यहां शासन करती है, उसे अपना नाम मिला है। यह सब कर रहा है और यह सब विकास को व्यक्त करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मजदूरों के बिना बड़े घर नहीं बन सकते हैं, बड़ी इमारतें नहीं बन सकती हैं, बड़ी इमारतें नहीं बन सकती हैं, लेकिन आप जिन घरों में रह रहे हैं, वे अक्सर मजदूरों के नाम पर होने चाहिए।

मध्यप्रदेश राज्य से हमारे एक श्रोता श्रमिक वाणी के माध्यम से सभी श्रोताओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दे रहे हैं कि

उत्तरप्रदेश राज्य के उन्नाव जिला से राम करण श्रमिक वाणी के माध्यम से सभी श्रोताओं को श्रम दिवस पर बधाई व्यक्त कर रहे हैं। लाखों बलिदान देने के बाद मजदूर अपनी बात कहीं भी रख सकता है, मजदूरों को खुद आवाज उठानी होगी, तभी आपको अधिकार मिलेंगे। हम सभी इस दिन को याद करते हैं क्योंकि हमारे लाखों लोगों ने इन अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। यह एक बड़ी जीत थी, अमेरिका में एक संघर्ष था, लोगों ने गोलियां चलाईं, इतने लोग शहीद हुए, लेकिन इस शहादत को हम याद रखेंगे और वे जहां भी होंगे। अपनी आवाज उठाएं, अपने मन की बात कहें, अपने विचार कहें, तभी हम उन अधिकारों को प्राप्त कर पाएंगे जिन्हें लोगों ने सदियों से संघर्ष किया है। कंपनी के मालिकों को भी श्रम दिवस मनाना चाहिए और अपने सभी कर्मचारियों को खाना खिलाना चाहिए और उनका स्वागत करना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों।

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