जोहार मैं खीरी महतो धनबाद प्रतिनिधि तोपचांची धनबाद से या जाना रहा है समितवाली पर । जब मेरा मन दुनिया में होता है तो मेरा मन क्या होता है ? रा कितने ही मायाजार कितने की महल बने की मायाजार कितने ही महल बने दे दिन कामेरा है जिंदगी । है दू का मेला है जिंदगी में चार दू का मेला मेरा मन चाहर जग में तेरा बंगला को । पूंछ पर चार दिन छाया , बंगाली कसाई पर चार दिन छाया , चार दिन छाया , दो गदहे , दो आंखें और आंखें आपको छीन लेंगी । क्या मेरा दिल हर जगह है , मेरा दिमाग हर जगह है ?

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