हमारे एक श्रोता तुषार साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से लॉक डाउन के दौरान प्रसारित एक नाटक की चर्चा कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि नौकरियाँ तो मिल जाएँगी, लेकिन चाय बेचने वालों और मज़दूरों का क्या होगा! ये राज्य सरकारों से पूछ रहे हैं कि क्या वे मज़दूरों को उनका लॉक डाउन की अवधि का मेहनताना ड़े सकते हैं? इनका क्या होगा?