साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता बताते हैं कि सरकार ने जो घोषण की थी कि मजदूरों को पूरे एक माह का वेतन दिया जाएगा। ताकि लॉक डाउन के दौरान मजदुर अपना और अपने परिवार वालों का जीवन यापन कर सकें। लेकिन जब मजदूरों को वेतन मिला तो वो केवल दिन के हिसाब से मिला। ऐसे में मजदूरों के पास ना ही पैसे हैं और ना ही खाना। वे चेन्नई में एक कमरे 18 लोग रहे हैं। और सबकी स्थिति सामान्य रूप से है। अगर किसी तरह से मदद मिल सकती है तो कृपया मदद करें