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मनरेगा में पेमेंट का भुगतान और कम वेतन दरें इस योजना की शुरुआत से ही दो मुख्य समस्याएं रहीं है। मनरेगा को लेकर जारी हुई ऑडिट रिपोर्ट में भी ये सामने आयी है साल 2016-17 में मात्र 44 फीसद 15-16 37 फीसद मजदूरी ही दी गयी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट भी ये कह चूका है कि मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान में कोई देरी नहींहोनी चाहिए और केंद्र सरकार ने भी ये ज़िक्र किया है कि मनरेगा के तहत भुगतान समय पर न होने पर राज्य सरकारों को एक निर्धारित मुआवज़ा देना पड़ेगा। लेकिन स्थिति फिर भी बदली नहीं है। फंड के आवंटन की कमी, समय पर मजदूरी भुगतान न होना, और कई राज्यों में मनरेगा मज़दूरी न्यूनतम मज़दूरी से भी कम होने के कारण इस योजना कि धीमी रफ्तार देखने को मिल रही है।
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Dec. 10, 2018, 1:30 p.m. | Tags: MNREGA   int-PAJ