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प्लान इंडिया,चेतना विकास,नव भारत जाग्रति केंद्र,यूनिसेफ,scpcr और मोबाइल वाणी के साझा प्रयास से बाल विवाह मुक्त झारखण्ड अभियान पिछले कुछ दिनों से चल रहा था। जिसमे कई श्रोताओ ने अपनी भागीदारी निभाई। सभी श्रोताओ के विचारो को सुन कर दस लक्की विजेताओं के नाम घोषणा किया गया जिन्हे मिलेगा पचास रूपए का मुफ्त मोबाइल रिचार्ज।

झारखण्ड के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखण्ड से सुमंत कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बाल विवाह को रोकने के लिए राज्य स्तर,जिला स्तर और पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों, मुखिया,पंचायत समिति और जो प्रमुख है उन्हें, लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास करना चाहिए।लोगों को सरकारी स्तर पर लड़कियों को मिलने वाले लाभ के बारे में बताना चाहिए। साथ इसे रोकने के लिए नुक्क्ड़ नाटक और जागरूकता सभा करना चाहिए। ताकि आम लोग इसे समझ सके। क्योंकि समय से पहले लड़कियों की शादी करने पर ना तो वो शारीरिक रूप से सक्षम होती है और ना ही मानसिक रूप से उनका विकास हो पाता है। और इस तरह से उनकी शिक्षा भी अधूरी रह जाती है। बाल विवाह को रोकने के लिए सयुंक्त स्तर पर प्रयास होने चाहिए तभी बाल विवाह रुकेगा।सरकार द्वारा दी जाने वाली लाभ के बारे लोगों को बताना चाहिए। हो सकता है लोग इसके महत्व को समझेंगे और जागरूक होंगे तभी बाल विवाह पर रोक लगेगी।

झारखण्ड के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखण्ड से सुमंत कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि बाल विवाह को रोकने के लिए निचली स्तर यानि पंचायत स्तर से लेकर ऊपरी स्तर यानि की राज्य स्तर तक जितने भी प्रतिनिधिगण हैं उन्हें अपने स्तर से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास करना चाहिए।प्रतिनिधियों का यह कर्तव्य बनता है कि वे लोगों को सरकार की ओर से लड़कियों को मिलने वाले तमाम योजनाओं के लाभ के बारे में बताना चाहिए। साथ ही इसे रोकने के लिए समय-समय ग्रामीण इलाकों में नुक्क्ड़ नाटक और जागरूकता सभा का आयोजन करना चाहिए। ताकि आम लोग इसे समझ सकें । क्योंकि समय से पहले लड़कियों की शादी करने पर ना तो वो शारीरिक रूप से सक्षम होती है और ना ही मानसिक रूप से उनका विकास हो पाता है। और इस तरह से उनकी शिक्षा भी अधूरी रह जाती है। बाल विवाह को रोकने के लिए सयुंक्त स्तर पर प्रयास होने चाहिए तभी बाल विवाह रुकेगा।

झारखंड राज्य से कंचन कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाल विवाह एक अभिश्राप है , जिसे हमारे कानून में एक अपराध माना गया है। लड़को के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष से कम आयु की शादी को क़ानूनतः बाल विवाह माना गया है। कम उम्र में ही लड़कियों की शादी होने के कारण उनकी बहुत सारी इच्छाएँ मन में ही रह जाती है। साथ में ही कम उम्र में शादी होने के कारण उनके साथ घरेलु हिंसा और सामाजिक बहिष्कार भी बढ़ जाती है। अतः समाज में जागरूकता फैला कर ही बाल विवाह को रोका जा सकता है

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के महुदा से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कलंक है। हम सभी समाज के लोगों को मिलकर इसे रोकना चाहिए। सरकार के द्वारा बाल विवाह को रोकने के लिए कानून तो कई बनाए गए है , परन्तु जब तक समाज के लोग इसके विरुद्ध जागरूक नहीं होंगे , तब तक हम इसे नहीं रोक सकते है। समाज के एक अच्छे व्यक्ति के रूप में हमें इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयत्न्न करना चाहिए। समाज के हर वर्ग को इसके विरुद्ध सामने आना होगा और इस कुरीति को जड़ से समाप्त करना होगा

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के महुदा से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह के ऊपर एक सुन्दर गीत सुनाया। इस गीत के माध्यम से उन्होंने बताया कि बाल विवाह करने से एक लड़की जल्द ही माँ बन जाती है। और फिर कुछ ही दिनों के बाद वो मौत के चपेट में आ जाती है। जिससे वह जन्मी बच्ची अनाथ हो जाती है। इसीलिए हम सभी को बाल विवाह नही करना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड से मो० तंज़ीम अंसारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा बाल-विवाह रोकने के लिए उठाया गया कदम स्वागत योग्य है। हम सभी को इसका पालन करना चाहिए। आज झारखंड राज्य में बाल विवाह की दर 36 % के आस-पास है। बाल विवाह को रोकने की ज़िम्मेदारी सरकार को मुखिया और समाज के लोगो को देना चाहिए। अगर कोई भी व्यक्ति इनकी बातों को नहीं मानता है, तो उस व्यक्ति के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई करने का अधिकार भी मुखिया और समाज को देना चाहिए। अतः हम सभी को अपने -अपने धर्मों से ऊपर उठकर बाल विवाह को रोकने की पहल करनी चाहिए।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से ताजीम अंसारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि समाज के लोगों को बाल विवाह के खिलाफ सामने आने की जरुरत है।बाल विवाह के विरुद्ध समाज के लोगों को जागरूक होने की जरुरत है।बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कई तरह के कानून बनाए हैं।इसका उल्लंघन करने पर 1 लाख रूपये का जुर्माना और 2 साल की जेल है।इसके बावजूद आज निःसंकोच समाज के लोग बाल विवाह का अपराध निरंतर करते जा रहे हैं।इस अपराध को रोकने के लिए समाज के लोगों को ही आगे आना पड़ेगा।मुस्लिम समाज या हिन्दू समाज के जो अध्य्क्ष हैं उन्हें आगे बढ़ कर बाल विवाह के अपराध को रोकना चाहिए

झारखंड राज्य के धनबाद जिला से मदन लाल मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि बाल विवाह जैसी कुरीति कम होती दिख रही है।समाज में जैसे-जैसे शिक्षा का प्रकाश फैलेगा वैसे ही इस कुरीति में भी कमी आती जायेगी।समाज में शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है,साथ ही बाल विवाह में भी कमी आ रही है।इसलिए सरकार को समाज में शिक्षा के मह्त्व को समझाना होगा उसे बढ़ाना भी होगा ।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला से मोहम्मद अंसारी बताते हैं कि बाल विवाह कानून अपराध है।इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए हमें व्यक्तिगत या समाजिक तौर पर एकजुट हो कर आगे आना होगा।हमें एक साथ प्रयास करने की जरुरत है।एक अभियान के रूप में सभी को मिल कर इसके खिलाफ जागरूक होना होगा।जरुरत हो तो प्रशासन की भी मदद लेनी चाहिए।बाल विवाह किसी भी परिवार के हित में नहीं है,इसे आर्थिक,शारीरिक और मानसिक क्षति होती है।इसका असर हर पीढ़ी पर पड़ता है।