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बोकारो,चन्दरपुरा से कैलाश गिरी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बता रहे है कि मंरेगा योजना का वार्षिक ऑडिट किया गया। मगर ऐसे लोगो को ऑडिट करने को कहा गया जिनको खुद इसके बारे में पता नही है। अतः ये सरकार से अनुरोध करते है कि कोई संस्था से इस तरह का ऑडिट करवाए जिससे भ्रस्टाचार उजागर होगा।

बोकारो:कैलाश गिरी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से हमें यह बताना चाह रहे है कि हमारे केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में से एक है मनरेगा इसको आरम्भ करने का जो उद्देश्य था वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। देखने से पता चलता है की मनरेगा योजना को पूरी तरह से धरातल पर उतरने के लिए थोड़ा और समय लगेगा।योजना का एक उद्देश्य यह देखा जा रहा ही कि यह एक लूट की योजना है 2006 में मनरेगा को लाया गया जिसमे जो तालाब का निर्माण की जानी है जिससे पानी का स्रोत और सिचाई की सुविधा उपलब्ध हो।जिससे मछली पालन से रोजगार का सिर्जन हो सके लेकिन आजतक यह देखा गया की जो भी इसका लाभुक होता है उसमे अधकारी से लेकर पदाधिकारी सारे लोग सलग्न होते है।इसमें आज के समय में पंचायत समिति की भी भागीदारी होती है।पानी किसी भी तालाब में नहीं देखा गया है।

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बोकारो:चांदपुरा से झारखण्ड मोबाइल वाणी के द्वारा बताते है की इनके क्षेत्र में तापमान इतनी बढ़ गयी है की आम आदमी एवं बच्चो को काफी दिक्कत हो रही है। चिलचिलाती धुप में बच्चे भागे भागे विद्यालय से घर आते है और बिजली भी नहीं रहती है ,जिसके कारण सभी लोग इस गर्मी से परेशान हो रहे है।

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