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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के चास प्रखंड से मिथलेश कुमार झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि चास प्रखंड के अंतर्गत रेलवे फाटक से बंगाल तक जाने वाले रोड रेलवे फाटक में पुराने पुल का गार्डवॉल कई दिनों से टूटा पड़ा है। इस पुल से लोकल क्षेत्र के करीब पंद्रह सौ मजदुर कार्य के लिए स्टील प्लांट आते जाते हैं और अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बोकारो स्टील सिटी में स्टील प्लांट होने के कारण इस पुल को बनवाना अति महत्वपूर्ण हो गया है। इस विषय पर मजदूरों का कहना है कि प्रतिदिन रात को आवाजाही करने से किसी तरह की दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।साथ ही अबतक इस पुल की मरम्मति के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है। अतः जल्द से जल्द पुल का मरम्मत कराया जाए।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चास प्रखंड से मिथलेश कुमार महतो ने झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि चास प्रखंड के अंतर्गत चास,बाईपास रोड,गरगा नदी,जोधाडीह मोड़,सेक्टर-1,सेक्टर-2, सेक्टर-3,सेक्टर-4 इत्यादि क्षेत्रों में कचड़ा का ढ़ेर बिखरा पड़ा है। एक ओर जहाँ प्रधानमंत्री जी के द्वारा स्वछ भारत अभियान चलाया जा रहा है, तो वहीँ दूसरी ओर सड़कों पर हर जगह कचड़े का पहाड़ बना हुआ है।इससे यह साफ़ झलकता है की हर क्षेत्र में स्वछ भारत अभियान को सफल नहीं बनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष सरकार स्वच्छता के नाम पर लाखों रूपए खर्च करती है। लेकिन जमीनी स्तर पर कोई क़ामयाबी नहीं नजर आती है। जब प्रधानमंत्री जी के द्वारा स्वछ भारत बनाए रखने पर जोर दिया जाता है, तो बड़े-बड़े पदाधिकारीगण केवल तस्वीर खिंचवाने के लिए अपने हाँथो में झाडू लिये नजर आ जाते हैं। लेकिन कुछ दिनों के बाद में स्थिति जैसा का तैसा ही नजर आता है। गंदगी का हाल केवल सड़कों पर ही नहीं बल्कि विद्यालयों में भी नजर आता है। विद्यालय में बने शौचालय की सफ़ाई करवाने के पीछे पदाधिकारियों का ध्यान नहीं है। लेकिन जब पदाधिकारियों को ऊपर से निर्देश मिलता है तब वे केवल दिखावटी के लिए साफ-सफाई कुछ दिनों तक करवाते हैं और बाद में स्थिति पहले जैसी हो जाती है। गरगा नदी की बात की जाए तो पुल के समीप ही लोग कचड़ा जमा कर देते हैं। जिससे आवागमन करने वालों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चास प्रखंड अंतर्गत चैनपुर बोकारो स्टील सिटी तक का रास्ता काफी जर्जर अवस्था में था जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्क्त हो रहा था,इसी सम्बन्ध में बोकारो मोबाइल मिडिया में यह खबर 14-03-2019 को प्रसारित किया गया था अथवा इस खबर को जिला स्तर तथा राज्य के उच्च अधिकारीयों को फारवर्ड किया गया साथ ही खबर को कई बार बोकारो मोबाइल मिडिया में चलाया गया। अब जाके इसका परिणाम कुछ इस प्रकार हुआ कि धनबाद के संसद बोकारो के विधायक ने सड़क निर्माण कार्य का विधिवत शिलान्यास 17-09-2019 को किया तथा अब सड़क निर्माण कार्य नवंबर में आरम्भ हो गया।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चास प्रखंड से मिथिलेश कुमार महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि झारखण्ड में दो बार पंचायत चुनाव हुआ और पंचायत चुनाव होने के बाद अभी तक थोड़े बहुत ही बदलाव देखने को मिले हैं । पहले पंचायत भवन खुलता नहीं था पर अब खुलने लगा है।पहले पंचायत में इंदिरा आवास किसको मिल रहा है यह पता नहीं रहता था।किसी का इंदिरा आवास योजना का लाभ किसी और को दे दिया जाता था पर अब इंटरनेट की सुविधा के अनुसार योजना का लाभ सही व्यक्ति को दिया जा रहा जा रहा है।यही नहीं अब पंचायत भवन के दीवार पर लिख दिया जाता है कि इस बार किस-किस को आवास योजना का लाभ मिल रहा है।साथ ही वे कहते हैं कि कुछ हद तक बदलाव देखने को मिला है लेकिन अभी भी कुछ ऐसे पंचायत है जो जहां पर हफ़्तों तक पंचायत भवन नहीं खुलते हैं और ना ही वहां पर मुखिया,पंचायत सचिव,रोजगार सेवक आदि कोई उपस्थित होते हैं।अत: पंचायत के विकास के लिए यह जरुरी है कि जनप्रतिनिधियों ध्यान देना चाहिए।

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झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के चास प्रखंड से मिथलेश कुमार महतो ने झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि चास प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहरी क्षेत्र में भी पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है।शहरी क्षेत्र में लोगों ने अपने घरों में बोरिंग तो करा लिए है, लेकिन गर्मी के मौसम में पानी का स्तर नीचे चला जाता है।जिसके वजह से गर्मी के दिनों में पानी की समस्या बहुत ज्यादा होती है।सरकार ने पाईप के माध्यम से सप्लाई पानी की व्यवस्था की है, लेकिन लोगों को समय पर पानी नहीं मिलती है।यहां तक की कई कई दिनों तक जलापूर्ति की ही नहीं जाती। वहीँ अगर चास प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें, तो बहुत सारे गाँव में चापानल ख़राब पड़े हैं । और अगर कहीं कोई चापानल ठीक है भी, तो पानी देर से निकलता है।उन्होंने यह भी बताया कि कई क्षेत्रों में पानी की टंकी बना है,लेकिन उसका सही से उपयोग नहीं होता है।इसके लिए जरुरी है कि जितने भी मुखिया और जन-प्रतिनिधि है उन्हें गाँव-गाँव में सप्लाई पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।साथ ही प्रत्येक गाँव में एक-एक नया चापानल बनाने चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि चास प्रखंड अंतर्गत एक गांव है धर्मपुरा जहाँ सिर्फ एक ही चापाकल है।उक्त चापानल पर पानी भरने के लिए बहुत ज्यादा भीड़ लगा रहता है।अत: यहाँ पर चापानल की संख्या बढ़ानी होगी।साथ ही सरकार के साथ-साथ इस समस्या पर ग्रामीणों को भी ध्यान देने की जरुरत है।चूँकि कई बार सरकार द्वारा चापानल बना दी जाती है लेकिन कुछ दिन बाद उस चापानल के कल पुर्जे चोरी हो जाते है।ग्रामीणों को इस समस्या पर देना होगा।