जिला हजारीबाग से ताजीम जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि आज समाज के लोग इतने गिर गए हैं की आज अपने बाल बच्चो के भविष्य बनाने के काम नहीं कर रहे हैं।जो बाल विवाह करने में जितना खर्च करते हैं अगर उस पैसे को बच्चे को पढ़ाने में खर्च करें तो बच्चे की भविष्य सुधर सकती है। कुछ लोग लालच में आकर बच्चे की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं और बाल विवाह करवा देते हैं।
जिला हजारीबाग से ताजीम जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि कोई भी शख्स अपनी बच्ची या बच्चा को अगर बाल विवाह कराता है। तो वो उस बच्चे की ज़िन्दगी को ख़राब कर रहा है। इसलिए वैसे लोगो पर जो लगाम सरकार ने लगाया है। कानून 2006 जो लागू किया है उसके माध्यम से वैसे लोगो को रोकने का काम करे। क्योकि आज पुरे झारखण्ड में किसी भी धर्म और किसी भी समाज के लोग के द्वारा बच्चो की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।इसलिए वैसे लोगो को नहीं छोड़ा जाना चाहिए उन पर कानूनी करवाई किया जाना चाहिए
जिला हज़ारीबाग़ के चुरचू प्रखंड से मोहमद ताजीम अंसारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह कार्यक्रम के संदर्भ में बताते हैं कि, पुरे झारखंड में यह देखने को मिल रहा है कि, लड़का एवं लड़की की शादी 18 वर्ष से पहले अभिभावकों द्वारा कर दिया जाता है , जो एक बहुत बड़ा आपराधिक कार्य हैं। यह एक सोचने का भी विषय है कि,सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई सारी योजनाएँ चला रही है जिससे बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र कोई परेशानी ना हो सके। फिर भी समाज में बाल विवाह कायम है।
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हजारीबाग जिला से नीलम बेसरा जी कहती हैं कि वे काफी दिनों से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के साथ जुड़कर काम की हैं। उनका कहना हैं कि पंचायत चुनाव के बाद से महिला प्रतिनिधियों में काफी बदलाव देखी गई है। पहले महिलाओं में काफी अन्द्विश्वास था जो अब कम हो गया है प,पहले जब भी कोई बीमार पड़ता था तो उसे डॉक्टर के पास न ले जाकर ओझा के पास ले जाते थे पर अब वे सबसे पहले डॉक्टर के पास ही लेकर जाते हैं। साथ ही घरेलु हिंसा के विरुद्ध महिलाये लड़ रही हैं।
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आरती कुमारी तिग्गा जी चुरचू प्रखंड, हजारीबाग से कहती हैं कि पंचायत में महिला प्रतिनिधि होना जरुरी है क्यूंकि अगर पंचयत में महिला मुखिया होगी तो महिलाएं अपनी बाते खुलकर उनके समक्ष रख सकती हैं। कोई भी महिलाएं पुरुषों के सामने अपनी बात नहीं रख पायेंगी
हजारीबाग जिला के चुरचु प्रखंड से सुम्मी कुमारी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से झारखण्ड में आने वाले पंचायत चुनाव में महिलाओ की भागीदारी पर कहती है कि महिला घर और समाज में रहती है और सारी समस्या को वो अच्छे से जानती और समझती है। इसलिए जब तक महिला समस्या को उठाने के लिए आगे नहीं आएगी तब तक समाज का विकास नहीं होगा।
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