जिला पूर्वी सिंह भूम के पोटका प्रखंड से सुबोध कुमार भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की कोबदा गांव में कल(3-7-2016)को 12 बजे के बाद से शुरू हुई झमाझम बारिस से किसानो का मन खुशी से झूम गया। 2016 की पहली बारिस का लोगो ने बहुत ही खुशी के साथ स्वागत किया साथ लोगो ने भगवान को धन्यवाद देते हुवे कहा की इस माह ऐसी ही बारिस होती रहे।

प्रखंड पोटका,जिला पूर्वी सिंहभूम के कोग्दा गाँव से कपिल देव भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि विगत 5 दिन पूर्व खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जो नई सूची जारी की गई है उसमे कुछ अनियमितता पाई गई है . दरअसल हुआ यूँ हैं कि कई लोगों का नाम इंटरनेट पर है लेकिन उसका सूची राशन डीलर के पास नहीं भेजा गया है .इस सम्बन्ध में पंचायत प्रतिनिधि से बात कि गई तो पता चला कि जिन लोगों का नाम इंटरनेट पर है उनका अभी कार्ड बनना संभव नहीं है . अब प्रश्न यह उठता है कि जब लोगों को कार्ड देना ही नहीं है ,तो इंटरनेट पर उनका नाम क्यों डाला गया . इसके विरोध में लोगों ने मुसाबनी और पोटका प्रखंड का घेराव किया लेकिन उस दौरान प्रखंड कार्यालय में कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे . अत: सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और उक्त समस्या का समाधान हेतु उचित कदम उठानी चाहिए . दोस्तों अगर आप भी इस तरह की कोई जानकारी हमारे साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800097458 पर .

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जिला पूर्वी सिंह भूम के पोटका प्रखंड से सुबोध कुमार भगत मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की बारिस नहीं होने के कारन कई खेतों में लगे धाम के पौधे सुख गए 15 मई को ही गर्जन के साथ बारिस से किसानों की उम्मीद बढ़ गई की बीते दो वर्ष से इस वर्ष अच्छी बारिस और अच्छी फसल होगी इसी ख़ुशी के कारन किसान अपने खेतों में बरसाती धाम की बोवाई कर दी। लेकिन पानी की अभाव में सभी फसल सूखते नजर आ रहे है

चक्रधर भगत,पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़क बनने का कार्य शुरू हो गया है.सड़क बनने का काम दो बार से हो रहा था पर किसी कारणवश काम रुक गया था लेकिन काम अब फिर से शुरू हो गया है.सड़क बनने का काम शुरू करने से आने-जाने में परेशानी तो हो रही है परन्तु बनने की ख़ुशी में कोई कुछ नहीं बोल रहे है साथ ही लोगो का आशा है की यह जल्द से जल्द बन जाये जिससे लोग इसका फायदा उठा पाएंगे। दोस्तो अगर आप भी इसी तरह कोई जानकारी या किसी विषय पर अपना राय हमारे साथ बाँटना चाहते हैं , तो मिस्ड कॉल करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800097458 पर

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सुबोध कुमार,पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि वृक्ष के अभाव मे नही हो रही है समय पर वर्षा।हमारा देश कृषि प्रधान है यहां के शत-प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर करते है वही देखे तो जिस तरह हमारे देश की जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है वही वृक्षो की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है और नतीजा हमारे सामने है की जब हमे बारिश चाहिए तो हमे बारिश की प्राप्ति नही हो रही है। इसलिए इनका कहना है कि अगर हमे समयानुसार सभी चीज चाहिए तो हमे वृक्षारोपण करना होगा क्योकी इसके बिना वातावरण स्वक्षय और संतुलित नही हो सकता है। इसलिए जंगल का रख रखाव करते हुए वृक्षारोपण करे तो अवश्य ही राहत पा सकते है।दोस्तो अगर आप भी इसी तरह कोई जानकारी या किसी विषय पर अपना राय हमारे साथ बाँटना चाहते हैं , तो मिस्ड कॉल करें हमारा निःशुल्क नंबर -08800097458 पर .

प्रखंड पोटका,जिला पूर्वीसिंहभूम के कोग्दा गाँव से मिथुन कुमार पात्र जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है .लेकिन यहाँ के राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वरा कृषि पर कम ध्यान दिया जाता है और उद्योगों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है इसलिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे कृषि क्षेत्र में ज्यादा ध्यान दे और किसानों को कम ब्याज दर पर ज्यादा से ज्यादा लोन मुहैया कराये ताकि कृषि क्षेत्र में ऊपज बढ़े साथ ही कहते हैं कि जब देश में कृषि क्षेत्र में ऊपज बढ़ेगा तभी देश से कृषि ऊपज का निर्यात भी होगा .

प्रखंड पोटका जिला पूर्वी शिम्भुम से गिरी जी कहते भारत एक कृषि प्रधान देश है जिससे हमारे किसान भाइयो को मानसून के साथ जुआ खेला जाता है अगर मानसून में अच्छी बारिश हुई तो हमारे किसान भाइयो का फसल अच्छा होगा खराब बारिश हुई तो फसल अच्छा नहीं होगा। दोस्तो अगर आप भी इसी तरह की ख़बरें हमारे साथ बाटना चाहते है तो कॉल करे ,हमारे नि:शुल्क नंबर 08800097458 पर।

जिला पूर्वी सिंघभूम,प्रखंड पोटका से चक्रधर भगत जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की गांव कोगदा में जो जल शक्ति योजना है की वो प्रधानों की शान बनी हुई है। आज 17/06/2016 को दिन के बारह बजे यहाँ नहाने,कपडे धोने के लिए बाल्टी भर-भर के जल-शक्ति योजना के तहत पानी ले जा रहे है। वही गांव कोगदा के ग्रामीण दूर से खड़े-खड़े देख रहे है और सोच रहे है कब उन्हें भी पानी की सप्लाई मिले ताकि वे भी पानी अपने घर ले जा सके। यहाँ पर प्रधानों के द्वारा अपने घरों के लिए पानी की व्यवस्था करने के बाद जो बच्चे हुए पानी होते है वो ग्रामीणों को सप्लाई किये जाते है इसपर सुधर होना चाहिए। अतः झारखण्ड सरकार से अनुरोध है की जहां-जहां जल की व्यवस्था की गई है वहां पर निगरानी राखी जाये। ताकि ये पता लगे की कितना समय से कितना समय तक पानी दी जा रही है।