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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षा पर आधारित एक प्रस्तुत कर रहीं हैं। इस गीत के माध्यम से एक बच्चा अपनी माँ से पूछता हैं कि उसे क्यों नहीं पढ़ाया गया, गांव के सब लड़के पढ़े, हमे क्यों नहीं पढ़ाया। माँ अपने बेटे के सवाल पर यह जवाब देती हैं कि कैसे पढ़ाते ओ बेटा कैसे पढ़ाते रे,कैसे पढ़ाते ओ बेटा कैसे पढ़ाते रे। पापा तेरे शराबी है, तुम्हें कैसे पढ़ाते रे।
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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि युवाओं में बढ़ती नशाखोरी से आस-पास के माहौल में बुरा प्रभाव डालने के साथ-साथ बच्चे भी बड़ों का नक़ल करना प्रारंभ कर देते हैं। जो घर परिवार के साथ-साथ उसके स्वस्थ जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालता है। युवाओं के नशेड़ी बनने से वे अपने परिवार और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना भूल जाते हैं। और कई गलत कार्य को अंजाम दे बैठते हैं। जिसका गहरा असर समाज में भी देखने को मिलता है। युवाओं में नशा की लत के पिछे घर वाले भी जिम्मेदार होते हैं। क्योंकि अभिभावक अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के ऊपर खास ध्यान नहीं देते हैं। जिसकी वजह से युवा धीरे-धीरे नशा के लत में लीन होते जाते हैं। किसी प्रकार से अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले जनता अपने बच्चों को अपने देखरेख में नहीं रख पाते और ना ही बेहतर भविष्य दे पाते हैं। भारत के युवाओं को नशीली चीजों से छुटकारा दिलाने के लिए सबसे पहले दुकानों में बिकने वाले बीड़ी,गुटखा,तम्बाकू तथा अन्य प्रकार के नशीली चोजों को रखने पर प्रतिबन्ध लगाने की जरुरत है।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से सुषमा कुमारी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नशा एक अभिशाप है, यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान जैसे घातक पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से युवाओं को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी लगातार प्रदूषित होता जा रहा है। साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचता है, इतना ही नहीं नशे के आदी को समाज में हेय की दृष्टि से भी देखा जाता है, जिसके चलते उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिये उपयोगिता शून्य हो जाती है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। नशा अब एक राष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है, विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। युवाओं के लिए नशा फैशन सा बन गया है, जिसके कारण उनका परिवार तो बर्बाद होता ही है साथ ही उनका कैरियर भी चौपट हो रहा है।इसकोे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आजकल नौजवान शराब और धूम्रपान को फैशन और शौक के रूप में अपना लेते हैं।सरकार भी युवाओं के बढ़ते नशाखोरी की ओर ध्यान नहीं देती है। साथ में नशाखोरी परिवारवालों के कारण भी होती है परिवारवाले आज कल युवाओं की ओर ध्यान नहीं देतें है। अतः सरकार और समाज को युवाओं में बढ़ती नशाखोरी को रोकने के लिए जागृत होना चाहिए इससे देश और समाज दोनों का भला होगा।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से नागेशवर महतो कहते है कि सब्जी हर घर के भोजन का आवश्यक और महत्वपूर्ण हिस्सा है।जिससे शरीर को महत्वपूर्ण विटामिनों की प्राप्ति होती है।झारखण्ड राज्य में सब्जी उत्पादन के अपर सम्भावनाये है और इस राज्य में अधिकतम मात्रा में सब्जी का उत्पादन भी किया जाता है। जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त होते है, परन्तु किसानों को उत्पादित सब्जी का अपेछित मूल्य प्राप्त करने के लिए सब्जी मंडी एवम मूल्य निर्धारण का अभाव के कारण किसानों को सब्जी की बिक्री औने -पौने दामों में करना पड़ जाता है।वर्तमान समय में उनत किस्म के बीज और खाद के मूल्यों में लगातर वृद्धि हो रही है, जिससे किसानों को सब्जी उत्पादन करने में लागत भी अधिक आती है बावजूद इसके किसानों को उत्पादित सब्जी का सही मूल्य नहीं मिलता जिससे उन्हें लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता है। परिणामस्वरूप किसान सब्जी की खेती छोड़ कर पालयन करने को विवश हो गए है। बोकारो जिला का पेटरवार प्रखंड कृषि प्रधान क्षेत्र है यहां पर मौसमो के अनुसार विभन्न प्रकार के सब्जी का उत्पादन किया जाता है। परन्तु मंडी के अभाव में किसानों को उत्पादित किया हुआ सब्जी का लगता मूल्य नहीं मिल पाता है। अतः सरकार को किसानों के हित में सब्जी मंडी और फसल का मूल्य निर्धारण करना चाहिए ताकि किसानो को घाटे का सामना नहीं करना पड़े और वे सब्जी की खेती छोड़ पालयन करने पर मजबूर ना हो।
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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड से किशोरी नायक मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि आज जिस तरह से शिक्षा निति चल रही है।उससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने के आसार नजर नहीं आ रही है। सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य में शिक्षा का अभियान चलाया जा रहा है। परन्तु आज सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था काफी दयनिय होती जा रही है, जो एक भयावह स्थिति बन गई है। यदि आज के छात्र शिक्षित नहीं होंगे तो आने वाले भविष्य उन छात्रों के लिए अंधकारमय हो जाएगा। सरकारी विद्यालयों में यह देखा जाता है, कि मिडेमिल योजना के कारण बच्चो का ध्यान पढ़ाई से हट कर केवल खाने पर ही रहता है। अतः सरकार द्वारा मिडेमिल योजना को बंद कर प्रत्येक बच्चों के खाते में पैसा दिया जाए।ताकि बच्चे अपने जरुरत के अनुसार एवम अपने पसंद का भोजन कर सकें।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से किशोरी नायक कहते है कि झारखण्ड में बेमौसम बरसात के कारण किसानों को खेती करने में परेशानी होती है इस क्षेत्र में फसल का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। पेटरवार प्रखंड के डेली मार्केट में किसान प्रति दिन अपने फसल को कम मूल्यों में बेचने के लिए मजबूर है।राज्य में पर्याप्त संख्या में कोल्ड स्टोर की सुविधा नहीं है ,जिसके वजह से उत्पादित सब्जी को रखने की उचित व्यवस्था नहीं होती है। ऐसी स्थिति में किसान सब्जी के ख़राब होने के डर से कम मूल्यों में बेच देते है।इसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है और उन्हें घाटे का सामना करना पड़ता है।वे कहते है कि सरकार अगर हर क्षेत्र में कोल्ड स्टोर बना देती है, तो किसानों को काफी मदद मिलेगी ।