संवाद सूत्र संग्रामपुर (मुंगेर) प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत दीदारगंज पंचायत में लहलहाती धान के फसल में मधुआ कीट के लगने से किसानों के चेहरे पर मायुसी देखा जा रहा है. मधुआ कीट पर नियंत्रण कैसे किया जाता किसानों के समझ से परे है.धान की निकल चुकी बालियां की वजह से रासायनिक कीटनाशक दवाईयां बेअसर साबित हो रही है. यूं कहा जाय कि किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड रहा है. विदित हो कि इस वर्ष धान की फसल लगाने के समय वर्षा नहीं हुई थी. किसानों ने हिम्मत जुटाकर नहर व पम्प चलाकर धान की फसल लगाई थी. फसल लगने के बाद इन्द्र देवता की मेहरबानी हुआ. लहलहाती धान की फसल देख किसान खुश थे.अब स्थिति यह है कि धान की बालियां निकलने के बाद धान की फसल में मधुआ कीट का प्रकोप भयंकर रुप धारण करते जा रहा है. जिससे धान की फसल सुखने लगी है. जिस हिम्मत को जुटाकर किसानों ने धान की फसल लगाया, मधुआ कीट के प्रकोप से उनके हिम्मत पस्त होते जा रहा है. किसानों ने की मुआवजे की मांग::- प्रखंड भाजपा अध्यक्ष सह सहौडा गांव के किसान त्रिलोचन सिंह ने बताया कि किसानों की माली स्थिति कभी ठीक नहीं रही है. मौसम की बेरुखी के बीच किसानों बड़ी मशक्कत के बाद धान की फसल लगाया.फसल लगाने से लेकर बालियां निकलने तक सबकुछ ठीक था. धान की बालियां पकी भी नहीं कि मधुआ कीट का प्रकोप उनके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में जिला कृषि पदाधिकारी श्याम नंदन कुमार को अवगत कराया गया.गत दिन जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी , कृषि समन्वयक आदि ने दीदारगंज पंचायत अन्तर्गत मधुआ कीट से ग्रस्त धान की फसल का मुआइना किया है. वहीं गोविन्दपुर गांव के वरीय किसान सिया बल्लभ चौधरी, राम आशीष चौधरी आदि किसानों ने लगभग एक एकड धान की फसल मधुआ कीट के प्रकोप से बर्बाद हो गया है.किसानों ने कहा कि बिहार सरकार सुखाड क्षेत्र के किसानों को 3500 रुपए मुआवजा दे रही है. जबकि हमलोगों का फसल बर्बाद हो चुकी है. ऐसी स्थिति में हमलोगों को भी मुआवजा मिलना चाहिए. कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी::- जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि धान की फसल में मधुआ कीट का प्रकोप है. मधुआ कीट धान पौधे के तनों का रस चूस लेती है. जिससे धान की फसल सूख जाता है. इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दिया जा रहा है, जिसमें मुआवजे की बात कही गई है.