एमडीए कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिला में नवंबर महीने से शुरू होगा नाइट ब्लड सर्वे -कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की महत्वपूर्ण भूमिका से बहुत ही जल्द मुंगेर होगा कालाजार से मुक्त : सिविल सर्जन - पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम के लिए इंपॉर्टेंट कंपोनेंट है सोशल मोबिलाइजेशन : अशोक सोनी मुंगेर, 26 सितंबर। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की महत्वपूर्ण भूमिका से बहुत ही जल्द मुंगेर होगा कालाजार से मुक्त । उक्त बात सोमवार को पीसीआई के सहयोग से वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल कार्यक्रम मुंगेर के द्वारा आयोजित कालाजार उन्मूलन में सामाजिक जागरूकता (सोशल मोबिलाइजेशन) की भूमिका विषयक कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने कही। उन्होंने बताया कार्यशाला में उपस्थित सभी सीएचओ, बीसीएम, केटीएस सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी पहले से ही प्रशिक्षित हैं। आज के कार्यशाला के द्वारा उन्हें कालाजार सहित अन्य वेक्टर जनित रोग के लक्षण, उपचार और उससे बचाव के लिए लोगों को कैसे जागरूक किया जा सकता है इसको लेकर पीसीआई संस्था के द्वारा एक बार फिर से रिफ्रेश किया गया है । ताकि समुदाय के बीच जाकर ये स्वास्थ्य कर्मी लोगों को वेक्टर जनित रोगों के बारे में जागरूक कर जांच और समुचित उपचार के लिए प्रेरित कर सकें । इन सभी लोगों के सामूहिक प्रयास से ही बहुत ही जल्द मुंगेर कालाजार से मुक्त हो सकेगा । इस अवसर पर जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह, डीपीएम नसीम रजी, डीपीसी विकास कुमार, वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा, वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, पीसीआई के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अशोक कुमार सोनी, केयर इंडिया के डीपीओ ओम प्रकाश नायक, सीफार के डिविजन कॉर्डिनेटर मीडिया जय प्रकाश कुमार सहित जिला के विभिन्न प्रखंड से आए सीएचओ, बीसीएम, केटीएस सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। कार्यशाला को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार के साथ - साथ फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जिला में नवंबर के महीने से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एमडीए कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे का कार्यक्रम शुरू होना है। जिसमें कम्युनिटी के बीच काम करने वाले ये सभी स्वास्थ्य कर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अपने- अपने क्षेत्र में काम करने वाली आशा कार्यकर्ता को जागरूक कर उन्हें वेक्टर जनित रोग से पीड़ित लोगों को चिह्नित करते हुए जांच के लिए स्थानीय पीएचसी तक ले जायेगी। उन्होंने बताया कि कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कालाजार के मरीजों को केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा क्षतिपूर्ति सहायता राशि के रूप में कुल 7100 रुपए दिए जाते हैं। वहीं उन्हें मोबिलाइज करने वाली आशा कार्यकर्ता को भी कुल 600 रुपए तक की प्रोत्साहन राशि मिलती है । इसके साथ ही पोस्ट कालाजार डर्मल लिस्मियेसिस (पीकेडीएल) या चमरा वाला कालाजार मरीज को भी सरकार के द्वारा कुल 4000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा दस हजार की आबादी पर कालाजार का एक मरीज मिलने के बाद इसे कालाजार का एलिमिनेशन लेवल माना जाता है। मुंगेर अब इसी लेवल पर है । बहुत ही जल्द मुंगेर जिला भी कालज़ार को पूरी तरीके से एलिमिनेट कर देगा। पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम के लिए इंपॉर्टेंट कंपोनेंट है सोशल मोबिलाइजेशन : पीसीआई के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अशोक कुमार सोनी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि सामाजिक जागरूकता या सोशल मोबिलाइजेशन किसी भी पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कंपोनेंट है। क्योंकि जब तक लोगों में विभिन्न बीमारियों के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं होगी तब तक वो न तो खुद को पूरी तरह से बचा पाएंगे और नहीं अपने परिवार या समाज में किसी अन्य को बचाने में कुछ मदद कर पाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक जागरूकता पर पीसीआई के द्वारा पिछले दिनों पटना में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई थी जिसमें मुंगेर से प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया था। अब बिहार के 30 जिलों में सामाजिक जागरूकता विषय पर कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। हमलोग सीएचओ को विशेष रूप से इस अभियान में जोड़ रहे हैं ताकि ये लोग समुदाय के बीच जाकर लोगों को कालाजार सहित अन्य वेक्टर बोर्न डीजीज के बारे में जागरूक करें ताकि इन बीमारियों को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके।