प्रांतीय प्रधानाचार्य वर्ग हिंदुत्वनिष्ठता का मतलब है वसुधैव कुटुंबकम् ,सर्वे भवन्तु सुखिन: और राष्ट्र भक्ति । उक्त बातें प्रांतीय प्रधानाचार्य प्रबोधन वर्ग में भारती शिक्षा समिति ,बिहार के प्रांतीय प्रचार प्रमुख राकेश नारायण अंबष्ट ने कही।आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर के आतिथ्य में चल रहे वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि विद्या भारती का लक्ष्य अपने छात्रों के माध्यम से राष्ट्र को गौरवशाली ,वैभवशाली और आत्मनिर्भर बनाना है। मनुष्य से मानवता की ओर ले जाना विद्यालय का काम है क्योंकि यह समाज का शक्ति केंद्र होता है।समाज का प्रबंधन और समाज जागरण विषय पर अपनी बात रखते हुए श्रीअंबष्ट ने कहा कि विद्या भारती के पूर्व छात्र सेवा कार्य से जुड़ रहे हैं।विद्यालय समाज का एक छोटा रूप भी होता है।उत्सव ,त्योहार आदि में भी हमारी सेवा सहभागिता होनी चाहिए। राष्ट्र के प्रति श्रद्धा ,त्याग ,निष्ठा और समर्पण का भाव हो ऐसे बालक का निर्माण विद्या भारती करती है।समाज के शिक्षित , सदगुणी ,सामाजिक कार्य से जुड़े व्यक्ति तथा विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट को आमंत्रित कर उनका प्रबोधन भी हमारे छात्रों को मिलते रहना चाहिए।स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के साथ चुनौतियों का सामना सफलता पूर्वक करने का गुण भी विकसित होना चाहिए। वहीं प्रदेश सह सचिव प्रकाश चन्द्र जायसवाल ने शैक्षिक मूल्यांकन पर प्रकाश डाला।वर्ग का समापन रामलाल सिंह के चार्चात्मक सत्र के साथ हुआ। मौके पर प्रदेश सचिव गोपेश कुमार घोष ,डॉ धीरेन्द्र झा,बजरंगी प्रसाद ,ब्रह्मदेव प्रसाद , मथुरानाथ पांडेय,राजेश रंजन ,वीरेंद्र कुमार , विद्यालय के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा सहित दक्षिण बिहार में संचालित अन्य सभी विद्या मंदिरों के प्राचार्य सामिल थे। मीडिया प्रभारी शशि भूषण मिश्र (भागलपुर विभाग)