धरहरा प्रखंड में बिहार सरकार के निर्देशानुसार जीविका के माध्यम से गरीब तक के लोगों को राशन बनाने का काम सौंपा गया लेकिन जीविका के माध्यम से या काम सराहनीय नहीं रहा वह अपने कार्यों को बखूबी से नहीं निभा सका गरीब तबके के लोग के पास आज भी कार्ड नहीं है राशन कार्ड नहीं होने से विशेषकर महामारी कर्बला में यह परिवार तितर-बितर हो गया है जिसे सरकार ने अविलंब राशन कार्ड देकर उनकी मजबूरी समझने का काम किया जा रहा था लेकिन जीविका के सी एम के द्वारा लिखित दी गई चिन्हित की गई राशन कार्ड धारी अमीर परिवार से बिलॉन्ग करते हैं ना कि गरीब परिवार से गरीबों को जीविका दीदी के माध्यम से शोषण करने की बात सामने आ रही है और यह राशन कार्ड योजना जो कम समय में बनी जो सरकार की सोच थी उसे दबा दिया गया इस तरह से गरीबों का काम नहीं हो पाया और राशन कार्ड से वंचित रह गए गरीब