टीबी को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ होने वाले जिले के टीबी चैंपियन दूसरों को इस बीमारी से निजात दिलाने में जुटे हैं। ये लोग टीबी चैंपियन बनकर दूसरों को टीबी से उबारने में मदद कर रहे हैं। साथ ही लोगों को बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें जागरूक करने का भी काम कर रहे हैं। जिला यक्ष्मा केंद्र में शनिवार को टीबी चैंपियन के रूप में काम कर रहे लोगों की समीक्षात्मक बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने की। उन्होंने बताया कि टीबी चैंपियन मेंटरशिप प्रोग्राम के तहत काम करने वाले जिले के टीबी चैंपियन टीबी मरीजों के घर घर पहुंच कर उन्हें संबल प्रदान कर रहे हैं। इन सभी लोगों को समीक्षा बैठक में बताया गया कि टीबी मरीजों को प्रेरित करें कि वह बीच में दवा नहीं बंद करें। दवा बंद करने से टीबी बिगड़ सकती है। टीबी की दवा तब तक खानी है जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने की सलाह नहीं दी जाती है । इसी प्रकार टीबी के प्रत्येक निकटवर्ती व्यक्ति की (जो अत्यंत निकट रहा हो) टीबी जांच आवश्यक है और साथ ही उसे टीबी प्रिंवेटिव थेरेपी के तहत बचाव के लिए दवा खानी है। यह सभी संदेश समुदाय तक पहुंचाने के लिए टीबी चैंपियन से कहा गया है।