कालाजार को जड़ से समाप्त करने के लिए जिले में लगातार प्रयास हो रहे हैं। गुरुवार से उच्च प्राथमिकता वाले जिले के पांच प्रखण्डों (डुमरा, बाजपट्टी, बोखड़ा, रून्नीसैदपुर और सुरसंड) के 12 अति प्रभावित गाँवों में घर-घर कालाजार रोगी खोज कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि  यह अभियान इन प्रखंडों में पांच अगस्त तक चलेगा। कार्य योजनानुसार कुल 17 हजार 781 घरों में मे जाकर कालाजार / पीकेडीएल के लक्षण वाले सम्भावित रोगियों की खोज होगी। इस कार्य के लिए 75 आशा कार्यकर्ता और 14 आशा फेसिलिटेटर को लगाया गया है। डॉ. यादव ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को जिले में वर्ष 2018 में ही प्राप्त कर लिया गया और अब जिले में हम शून्य कालाजार की ओर बढ़ रहे हैं। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।