छिंदवाड़ा में शिक्षकों के लिए कला आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने के लिये दो दिवसीय कला एवं सौन्दर्य साक्षरता कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ। कार्यशाला के प्रथम दिवस में जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.एस.बघेल ने कहा कि बदलते परिवेश में शिक्षण पद्धतियों में नवाचार अत्यंत आवश्यक है। आज के बच्चे अनुभवात्मक और रचनात्मक सीखने की ओर अधिक आकर्षित होते हैं, ऐसे में कला आधारित शिक्षण न केवल सीखने को रोचक बनाता है, बल्कि छात्रों की 21वीं सदी की दक्षताओं को भी विकसित करता है। पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की संवेदनशीलता, रचनात्मकता तथा अभिव्यक्ति कौशल को बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम है।
