मध्य प्रदेश राज्य के सौंसर जिले से अक्षित ने छिंदवाड़ा मोबाइल वाणी पर यह बताया कि एकमात्र रेवनाथ चौरे पार्क आज अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा हैं। इस पार्क की ओर नगर प्रशासन का दुर्लक्ष प्रतीत हो रहा हैं। वैसे भी यह पार्क नगर का एकमात्र पार्क हैं। जहां नगर के सभ्य नागरिक यहाँ सुबह शाम सैर करने आते थे। यह पार्क नगर में शांति के प्रतीक हेतु प्रचलित था परंतु वर्तमान में यह अपनी दयनीय स्थिति के लिए नगर में चर्चित हैं। सौंसर नगर में वैसे भी इस पार्क के अलावा एक भी पार्क नही हैं जहाँ आमजन सैर करने जा सके। इस पार्क में कुछ वर्षों पूर्व नगर के संभ्रात परिवार, युवा छोटे बच्चो के साथ साथ नगर की महिलाएं पार्क में सैर करने आते थे। नगर प्रशासन द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव के पूर्व इस पार्क की दशा में कुछ सुधार किया गया था। परंतु जैसे ही निकाय चुनाव सम्पन्न हुए इस पार्क की ओर नगर प्रशासन द्वारा ध्यान देना बंद कर दिया गया। वर्तमान में यह पार्क असामाजिक तत्वों का ठिया बन गया हैं। इस पार्क में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त लोग आसानी से नज़र आते हैं। साथ ही असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से यहाँ नगर के सभ्य लोगो का आना बंद हो चुका है। साथ ही यहाँ पर रात में बत्ती बंद रहने से असामाजिक तत्वों की धमाचौकड़ी से आसपास के लोग परेशान होते हैं। रेवनाथ चौरे पार्क की ट्रेन वर्तमान में बंद है। यह ट्रेन छोटे बच्चो का मनोरंजन करती थी। जिसमे बैठकर छोटे बच्चे पार्क का पूरा चक्कर लगाकर आनंदित होते थे। परंतु ट्रैन के बंद हो जाने से यहाँ बच्चो का मोहभंग हो चुका है। ट्रैन की पटरियां भी उखड़ चुकी हैं । साथ ही ट्रेन के पुर्जे भी अज्ञात लोगों ने कही गायब कर दिए हैं। जिससे ट्रैन का अब पुनः चलना तो मुश्किल दिख रहा है। नगर प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा हैं जिससे यह पार्क अब धीरे धीरे जीर्ण शीर्ण अवस्था मे पहुँच गया हैं। यहाँ पेड़ पौधे देख रेख के अभाव में सुख चुके हैं और यहाँ बच्चो के मनोरंजन के झूले खिलोने जीर्ण शीर्ण होकर अपने स्वरूप को खो चुके हैं। नगर प्रशासन द्वारा यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह पार्क अपने स्वरूप को खोता चले जाएगा।
