बिहार के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखण्ड से विजय कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बिहार में शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।जहां एक ओर विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, तो वहीँ दूसरी ओर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। शिक्षकों को दूसरी योजनाओं में लगा दिया गया है इससे शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।शिक्षा विभाग की ओर से कई योजनाओं के संचालित किये जाने के बावजूद विद्यालयों में छात्रों की संख्या दिनों-दिन कम होती जा रही है और यह चिंता का विषय है।राज्य के इंटर स्कूलों में भी शिक्षकों की भारी कमी है। इन स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा केवल नाम के लिए लिए जाते है। सरकार कई बार शिक्षकों की बहाली कर रही है, बावजूद शिक्षा के स्तर में बदलाव नहीं दिखती है। सरकार को शिक्षा विभाग में ध्यान देने की जरुरत है।
बिहार के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखण्ड से विजय कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बिहार में इन दिनों बालू खनन पर रोक लगा दी गयी है। इससे गृह निर्माण करने वालों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कुछ बालू घाटों को चालू भी किया गया है। कहीं बालू मिल भी रहा है तो कई अधिक गुना दामों पर मिला रहा है। इससे अधिकतर माध्यम वर्गीय परिवारों का गृह निर्माण रुका हुआ है। भरष्टाचार के नाम पर सरकार ने बालू खनन पर रोक लगा दिया था। सरकार को बालू खुदाई का काम खनन विभाग के जिम्मे करना चाहिए, ताकि विभाग के ऊपर जिम्मेवारी हो। इससे विभाग के पदाधिकारी गलत काम करने से कतराते।ये ठेकेदारों संग भरषटाचार रूपी गंगा में डुबकी लगाते है।
बिहार के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखण्ड से विजय कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि डॉक्टरों की संख्या में कमी एवं सरकारी अस्पतालों में नियुक्त डॉक्टरों की सेवा सही से नहीं मिलने के कारण बिहार की आम जनता के मन में यह बात घर कर गयी है, की सरकारी डॉक्टर सही से इलाज नहीं कर पाते है।जिस कारण रोगी अपने इलाज से संतुष्ट नहीं हो पाता है।डॉक्टरों को दूसरा भगवान माना गया है, किन्तु ये कसाई से कम नहीं है।रोगी की मृत्यु हो जाने के बाद भी पैसों के लालच में इलाज जारी रखा जाता है।सरकारी अस्पतालों में सरकार के द्वारा दिए गए उपकरण का सही इस्तेमाल नहीं होता है। अस्पताल के कर्मचारी रोगी को उपकरण ख़राब है बोल कर केवल अपनी जगह बैठ कर गप्पे मारते रहते है।आज अस्पताल और स्कूल राजनीति का अड्डा बना हुआ है। परन्तु सरकार अगर इसपर उचित ध्यान नहीं देती है तो सरकार अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पायेगा, चाहे सरकार जितना चाहे पैसा खर्च कर ले।
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बिहार के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि आज के दौर में युवा पीढ़ी के पास स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर है। और वे इंटरनेट और गूगल का इस्तेमाल कर के कोई भी सूचना प्राप्त कर सकते है।पर दुनिया ने अभी तक इंटरनेट और गूगल सर्च को किताबों के विकल्प के रूप में पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है।सबसे अहम् सवाल यही है की युवा पीढ़ी को किताबें पढ़ने के लिए कैसे प्रेरित किया जा सकता है। इस सवाल का हल ढूंढने के लिए सरकारी स्कूलों और परिवारों को अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।स्कूलों में लाइब्रेरी और किताबें तो है, किन्तु उन्हें पढ़ने की आदत को विकसित करने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।अभिभावक भी प्रतियोगी परीक्षाओं और कोचिंग पर ज्यादा ध्यान देते है।वे अपने बच्चों को महंगे स्मार्ट फोन तो खरीद कर दे सकते है, लेकिन किताबे नहीं खरीद सकते।
बिहार के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है। यह साँस लेने हवा, पीने के लिए जल, खाने के लिए भोजन, और रहने के लिए भूमि प्रदान करता है। लेकिन आज की स्थिति देखें तो विश्व के साथ भारत की भी चिंतनीय स्थिति बनी हुई है। अपने निजी स्वार्थ के लिए पॉलीथिन अत्यधिक उपयोग कर हम इस धरा के अस्तित्व को नष्ट करने की ओर अग्रसर है।इससे निकलने वाली जहरीली गैस हवा मिलकर हवा को जहरीला बनाता है। पॉलीथिन का फेका जाना और भी खतरनाक है।यह मिट्टी को भुरभुरा कर देने के साथ पशुओं के मौत का कारण भी बनता है।पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुके ग्लोबल वार्मिंग का एक बड़ा कारण पॉलीथिन ही है। इससे बचने के लिए हमे तत्परता दिखानी होगी।
बिहार के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि अक्सर बड़े-बड़े भोज, होटल, रेस्टोरेंट, स्कूलों के मध्याह्न भोजन में अनाज की बर्बादी देखि जाती है। क्या हमने कभी सोचा है की एक दाना गेंहू को तैयार करने में हमारे किसान भाइयों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है ?खेतों की तैयारी से लेकर थाली में रोटी आने तक ना जाने अन्नदाता से लेकर गृहणियों तक को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। गीता में भगवान् श्री कृष्ण ने मनुष्य की उत्पति अन्न से ही होना बताया है। फिर भी ऐसे देश जहाँ 30 प्रतिशत आबादी को भरपेट भोजन नसीब नहीं होता है।और ना जाने कितने लोगों को भूखे पेट ही सोना पड़ता है।कुपोषण जहाँ की राष्ट्रिय समस्या है, उस देश में अन्न की बर्बादी को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरुरत है।