नया साल शुरू हो चुका है लेकिन गुजरे हुए साल के आखिरी कुछ दिन काफी मुश्किलों भरे रहे. सियासत से लेकर समाज तक हर जगह बडे—बडे परिवर्तन देखने मिले और कुछ बदलाव ऐसे थे जिन्होंने आंदोलन का रूप ले लिया.बात हो रही है सीएए और एनआरसी के विरोध में देश भर में हो रहे आंदोलनों की. इस वक्त हमारे देश और एकता पर एक अजीब का असमंजस पैदा हो गया है. कई लोग सच के साथ है तो कुछ अफवाहों का शिकार हो रहे हैं. ऐसे मौके पर हम जनता से जानना चाहते हैं कि वो क्या महसूस कर रही है?