"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जीबदास साहू आम के मंजर झड़ने के कारण और उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जीबदास साहू आलू के भण्डारण घर पर कैसे करे इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

फसल सुरक्षा योजना के तहत निकाली गई जागरूकता रथ

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा रबी मौसम की सब्जियों के लिए सलाह दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू फूलगोभी और पत्तागोभी में लगने वाले कीट और उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सरकार की ओर से प्रदत्त खाद, चना, मक्का, मसूर, गेहूं, सरसों आदि बीज समय पर किसानों को नहीं मिलता है. अनुदानित योजना का लाभ जमीनी स्तर पर खेत-बाड़ी में काम कर रहे किसानों को न दे कर पदाधिकारी निजी लाभ के लिए फर्जी लोगों का भी चयन कर लेते हैं. कृषि के क्षेत्र में फर्जी तरीके से काम करने वाले पदाधिकारी बक्से नहीं जायेंगे -उक्त बातें राज्य के पेय जल व स्वच्छता एवं उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के मंत्री सह गोमिया विधायक योगेंद्र प्रसाद ने बतौर मुख्य अतिथि पेटरवार प्लस टू उच्च विद्यालय के मैदान में मंगलवार को जिला कृषि विभाग की ओर से आयोजित जिला स्तरीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी को संबोधित कर कहा.  मंत्री श्री महतो ने कहा कि कृषि को बेहत्तर बनाने के लिए विभिन्न इकाईयां जमीनी हकीकत को ढूंढे और योजना का संचालन व समाधान का उपाय खोजे. ऐसे कार्यक्रम किसानों के सही विकास, जानकारी व प्रोत्साहन के लिए किया जा रहा है. इससे भी बडा कार्यक्रम आयोजित किया जायगा. 50 हजार से दो लाख रूपये तक की ऋण माफी, उत्पादन का सही मूल्य व बाजार उपलब्ध करने, सिंचाई, मिलेट मिशन आदि की योजनाओं की सफलता के लिए राज्य सरकार गंभीर है.  मंत्री योगेंद्र प्रसाद एवं चन्दनकियारी के विधायक उमाकांत रजक ने फीता काट कर प्रादर्श प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और स्टॉल का निरीक्षण किया.  इन कृषि प्रादर्श का लगा प्रदर्शनी :-  अमरुद, कोहड़ा, लौकी, आलू, मूली, बीट, फूल गोभी, बंध गोभी, सरसों, मकई, गेंदा सहित अन्य फूल, बैगन, बेर, डाभा, मटर, ओल, अरहर, टमाटर, संतरा, गाजर, कटहल, बेल, मिर्च, हल्दी, स्ट्रो बेरी, खीरा, मशरूम, तरबूज, शिमला मिर्च, करेला, फोरस बीन, लहसुन, प्याज, अदरख, मुनगा, शलजम, पपीता, बटेर, अमेरिकन पीकन डक का अंडा आदि कृषि उपज प्रदर्शनी में लगाया गया था   जिला उद्यान बोकारो, केवीके का प्राकृतिक खेती बारी जागरूकता, कृषि केंद्र, ग्रामीण पोल्ट्री फॉर्म, खेती बारी ग्रीन गार्डेन नर्सरी,भारती महिला संघ का उत्पाद सहित दर्जनों स्टॉल लगाया गया था. बेहत्तर कृषि उपज लाने वाले किसानों को उपहार दे कर प्रोत्साहित किया गया. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारीमो शाहिद, एलडीएम बोकारो, पेटरवार बीडीओ संतोष कुमार महतो, सीओ अशोक राम, थाना प्रभारी राजु कुमार मुंडा, जिप सदस्य अशोक मुर्मू, कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार, मनोहर मुर्मू, राधानाथ सोरेन, सदमा पंचायत की मुखिया साबित्री देवी, बुंडू मुखिया निहारिका सुकृति, शांति लाल जैन, कृष्णा महतो, शक्तिधर महतो, मुकेश कुमार महतो, प्रकाश महतो, कोलेश्वर सोरेन, अरुण सोरेन, अरबिंद महतो सहित पंचायत, प्रखंड व जिला के पदाधिकारी व जिला भर के किसान काफी संख्या में मौजूद थे.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा आंवला का भंडारण करने सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास फूलगोभी और पत्तागोभी में लगने वाली बीमारियां और उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास सरसो के फसल में लगने वाले कीट,बीमारी और उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार के प्रांगण में अपने एएकेएम (आजीविका कृषि मित्र) और ग्रामीणों के साथ एपीसी (कृषि उत्पादन क्लस्टर) विधि से खेती बारी का एक प्रशिक्षण सत्र शुक्रवार को आयोजित किया गया. इसमें समय, फसल चयन, बाजार की जानकारी और पहुंच, तकनीकी विवरण, उत्पाद संग्रहण और मूल्य नियंत्रण आदि के महत्व पर चर्चा की गई. तरबूज के उत्पादन के तरीके (पिओपी) पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें फसल से प्राप्त आय, बाजार में इसके आगमन का समय, कीट नियंत्रण उपाय आदि पर प्रकाश डाला गया. सत्र का समापन 10 गांवों में एपीसी मोड में तरबूज की फसल की योजना बनाने के साथ हुआ. इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से 50 पैकेट तरबूज बीज़ का वितरण किया गया. उक्त प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार तथा प्रदान संस्था से नंदलाल, राजू, सुदेश और चंद्रभूषण आदि ने कार्यक्रम सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया.