पेटरवार तथा आस -पास कृषि बहुल क्षेत्रों में तीन दिवसीय बाउंडी परब धूम -धाम के साथ शनिवार को मनाया गया. इस अवसर पर आज अहले सुबह महिलाएं घर आंगन की साफ -सफाई व गोबर से लिपाई करने के बाद नहा -धो कर बाउंडी पीठा बनाने में जुट गयीं और सुबह होते ही उस पीठा व पकवान को अपने इष्ट देवी देवता सहित पित्तरों को अर्पण करते हुए पूजा अर्चना किये. उसके बाद प्रसाद स्वरुप सभी मिल कर खाये और घर पर जितने लोग पहुंचे उन्हें आदर के साथ खिलाया गया. इसके पूर्व गुरुवार को चारधोवा व शुक्रवार को चावल का गुंडी कुटा कार्यक्रम किया गया. गुंडी ढेकी से कूट कर बनाया गया. आज दोपहर व शाम को मांस भात खाने की परिपार्टी का निर्वहन किये. इसीलिए पेटरवार के झटका मिट दुकानों व मुर्गा दुकानों में भारी भीड़ लगी रही. गाँवों में भी लोग खस्सी का हिस्सा लगाये. रविवार को दही-चूड़ा नेग :- रविवार को नहा-धो कर दही चूड़ा कार्यक्रम किया जायगा. जिसमें घर के उत्पादित धान को ढेकी से चूड़ा बना कर अपने इष्ट देवी देवता को भोग लगाते हैं. साथ ही टुसु परब महोत्सव हर गाँवो में मनाया जायगा. टुसु व बाजा गाजा के साथ नगर भ्रमण व जलाशयों में विसर्जन किया जायगा. टुसु स्थापना कई दिनों पूर्व करते हैं. यह प्रचलन आदिवासी कुड़मी, मूलवासी सहित अन्य जातियों में जो कृषि से उत्पन्न किये गए धान चावल की पूजा -पाठ व अराधना करते हैं