सामाजिक और आध्यात्मिक पुनरुत्थान के मूल उद्देश्य को ले कर पेटरवार प्रखंड के कोह पंचायत अंतर्गत जराडीह गाँव में सत्संग प्रवचन का आयोजन किया गया. इस सत्संग समारोह में प्रोजेक्टर के माध्यम से संत रामपाल महाराज के मंगल प्रवचन का प्रसारण किया गया. इस समागम में विशेष तौर पर यहां पर छोटे -बड़े, अमीर-गरीब सब के लिए एक समान व्यवस्था की गई थी. सभी धर्म मजहब जाति के बीच किसी भी प्रकार का कोई भेद-भाव देखने को नहीं मिला. संत के अनुयायियों का मानना है कि जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्म के पवित्र सदग्रंथ श्रीमद् भागवतगीता, चारों वेद अठारह पुराण, छः शास्त्र, कुरान शरीफ, बाइबल, गुरु ग्रंथ साहिब, कबीर साहेब, महाभारत, रामायण के गुढ़ रहस्य को बताया गया. सत्संग में समाज में व्याप्त तमाम तरह की बुराइयों को छोड़ने की प्रेरणा दी गई. सत्संग में शिक्षा दी गई की चोरी- जारी, ठगी -रिश्वतखोरी, मिलावट, खून- खराबा, नशा करने से व्यक्ति घोर पाप का भागी बन जाता है. जिसका भुगतान उसे नरक की घोर यातना 84 लाख योनियों का कष्ट के रूप में उठाना पड़ता है. सत्संग में मनुष्य जीवन के अहमियत व जीवन के मूल्य उद्देश्य के बारे में बताया गया. जिससे लोगों में सद्भक्ति की प्रेरणा जगी. इस अवसर पर योगेंद्र महतो, अखिलेश कुमार, कीर्तन महतो, सुरेश करमाली, फूलचन्द करमाली, पूनम कुमारी, नीतू कुमारी समेत  सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.