पेटरवार.पेटरवार स्थित बालिका मध्य विद्यालय के प्रांगण में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. जिसकी अध्यक्षता पेटरवार प्रखण्ड अध्यक्ष सुरेश कुमार टुडू तथा संचालन सेंगेल सरना धर्म मंडवा प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार मुर्मू ने किया. इसके पूर्व एक रैली भी निकाली गयी. सभा को सम्बोधित करते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस का अनुपालन 9 अगस्त 1994 से संयुक्त राष्ट्र ने प्रारंभ किया है. चूंकि 9 अगस्त 1982 को जिनेवा में सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र संघ ने आदिवासीयों के मानवीय अधिकारों पर चर्चा की थी. तत्पश्चात 13 सितंबर 2007 को यूएन ने आदिवासी अधिकार घोषणा- पत्र भी जारी किया है. दुनिया की लगभग 7000 भाषाओं में से 40% भाषाएं विलुप्ति की कगार पर खड़ी हैं.  दुनिया भर के आदिवासी नशापान, अंधविश्वास, रूढ़िवादिता, राजनीतिक कुपोषण और आपसी समन्वय की कमी से टूटते, बिखरते, लड़ते- लड़ते मर रहे हैं. भारत देश में आदिवासी (एसटी) के आरक्षण कोटे से 47 लोकसभा आदिवासी सांसद और 553 आदिवासी विधायक हैं. मगर देश में कोई आदिवासी नेतृत्व और आदिवासी आवाज नहीं है. संविधान प्रदत्त अनेक अधिकार हैं. मगर किसी राजनीतिक दल और सरकारों ने अबतक इसे तवज्जो नहीं दिया है. अब तो देश की राष्ट्रपति और मणिपुर की राज्यपाल भी आदिवासी महिलाएं हैं. सही दिशा में एकजुट कदम बढ़ाने से आदिवासी समाज जरूर कामयाब होगा. अतः विश्व आदिवासी दिवस- 9 अगस्त 2023 को समग्रता की दिशा में एक निर्णायक पहल करने की जरूरत है.      सभा को मांझी परगना मंडवा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र मोहन मार्डी, बोकारो जोनल युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय टुडू, रामजीत बेसरा, बोकारो जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष ललिता सोरेन, भुनेश्वर हेम्ब्रम, उलेश्वारी हेम्ब्रम, विशेश्वर मुर्मू,  रामप्रसाद सोरेन, संतोष मुर्मू परगना रामकुमार टुडू, सुशील कुमार मांझी ने भी संबोधित किया. सभा में आसपास के गांव से सैंकड़ों महिला पुरुष उपस्थित थे. E