पेटरवार सहित आस-पास के विभिन्न गाँवों में दो दिन लगातार हुई बारिश से खेतों में लगी धान की फसलों में जान आयी एवं लोगों को भारी गर्मी से राहत मिल गयी. यों तो पेटरवार प्रखंड में मात्र करीब 10 प्रतिशत धान रोपनी हुई है जो रोपने के बाद इधर 15 दिनों के अंतराल में आज वर्षा हुई है. इस बीच में धान के पौधो में तो ग्रोथ नहीं हुआ जो आज बारिश हुई जिसमें पौधों की जान बच गयी है जिससे किसानों की थोड़ी आशा जगी है पर किसान गत वर्ष के सुखाड़ की मार से उबर नहीं पाए थे कि इस वर्ष भी सुखाड़ होने की पूरी आशंका से किसान काफी चिंतित और बेहाल हैं. इस वर्ष भी बड़ी आशा के साथ ऊँची दर पर धान सहित अन्य खरीफ फसलों का बीज खरीद कर खेतों में डाला था. ट्रैक्टर में जुताई भी किया. पर संतोषजनक धान की रोपनी नहीं कर पाए. जिससे उत्पादन का कोई आसार नहीं बनता है.
