झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से जे.एम रंगीला की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नावाडीह के भवानी गाँव निवासी ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समीति के अध्यक्ष मोहन महतो से हुई। मोहन महतो बताते है कि वन संरक्षण समीति की बैठक पहले बहुत होती थी। शुरू के वर्षों में सरकार द्वारा पहले कहा गया कि वन उपज का 10 प्रतिशत अधिकार सरकार का है और 90 प्रतिशत समीति की है। जिसमे वन की सुरक्षा ,वन की उपज जैसे केन्दु पत्ता आदि सब पर ध्यान देना है। वन संरक्षण समीति जंगल बचाने का कार्य बहुत हद तक अच्छा से किये है। जंगल में आग लगने को लेकर सरकार नज़रअंदाज़ कर रही है। अगर शुरू में फंड आया मात्र 5 हज़ार आग को बुझाने के लिए फिर यह बंद हो गया। कहा जाता है कि जंगल में महुआ चुनने वाले लोग आग लगाते है ,यह बिलकुल गलत है। जंगल में एक माह पहले ही आग लग जाती है। जंगल में पौधा लगाने का काम मनरेगा का है जो कि ग्रामीणों का होना चाहिए। वन विभाग वन रोपण का कार्य लेती है ,यह गलत है। वन रोपण का कार्य वन विभाग से हटा दिया जाए तो जंगल में आग लगना बंद हो जाएगा। जंगल में आग लगने और बुझाने का काम वन विभाग को देखना चाहिए जो वो नहीं देखती है
